



– ट्रैफिक प्लान के विपरीत श्यामपुर से ऋषिकेश में झोंक दिया गया ट्रैफिक, आम आदमी का सड़क पर चलना हुआ मुश्किल
ब्यूरो,ऋषिकेश
चार धाम यात्रा शुरू होने से पूर्व उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक दीपम सेठ की ओर से तीर्थ नगरी को जाम से मुक्त रखने की घोषणा की गई थी। ऋषिकेश के मामले में उन्हीं के अधीनस्थ उनकी घोषणा को पलीता लगा रहे हैं। वीकेंड पर मालूम है हरिद्वार की ओर से भारी संख्या में ट्रैफिक आएगा। इसके बावजूद श्यामपुर से ऋषिकेश के अंदरूनी क्षेत्र में बाहर से आने वाले वाहनों को धकेल दिया गया। सुबह से लेकर दोपहर तक सड़क पर वाहन रेंग-रेंग कर चलते रहे। सोशल मीडिया पर कोतवाली पुलिस समेत पूरे सिस्टम पर जब सवाल खड़े किए गए तो ट्रैफिक को बाहर डायवर्ट किया गया। ऋषिकेश पुलिस के इस तरह के एक्सपेरिमेंट से मुनिकीरेती पुलिस को भारी अवस्था से जूझना पड़ा।
तीर्थ नगरी ऋषिकेश में जाम की समस्या कोई नई-नई है। इस दिशा में जरूरत है तो बेहतर ट्रैफिक प्लान को लागू करने के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों की दृढ़ इच्छा शक्ति की, जिसका ऋषिकेश में अब तक अभाव देखा गया है।
सप्तांत पर हमेशा हरिद्वार की ओर से आने वाले अन्य प्रांत और जनपद की गाड़ियों को बाईपास या फिर नेपाली फार्म से डायवर्ट किया जाने की व्यवस्था की गई है। इस ट्रैफिक को नटराज चौक, तपोवन बाईपास के जरिए आगे भेजा जाता है। अत्यधिक भीड़ हो जाने पर सात मोड़ से पहले ट्रैफिक को गुजराड़ा के जरिए नरेंद्र नगर बाईपास कर दिया जाता है। मुनिकीरेती क्षेत्र से वापसी करने वाले वाहनों को ऋषिकेश के अंदरूनी मार्ग से श्यामपुर की दिशा में भेजे जाने की व्यवस्था है। रविवार की सुबह से दोपहर तक वन-वे व्यवस्था कहीं नजर नहीं आई।
यात्रा कल और वीकेंड पर पुलिस फोर्स की बात करें तो ऋषिकेश क्षेत्र में पूरी व्यवस्था होमगार्ड पीआरडी और पुलिस कांस्टेबल के कंधे पर है। शहर के मुख्य तिराहा और चौराहों पर उप निरीक्षक नजर नहीं आते हैं,इससे ऊपर रैंक की बात करना तो यहां बेमानी है। जबकि जनपद टिहरी गढ़वाल के मुनिकीरेती क्षेत्र में प्रभारी निरीक्षक सहित तमाम उप निरीक्षक ट्रैफिक व्यवस्था बनाने के लिए पूरे दिन सड़कों पर नजर आते हैं।
पुलिस क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश संदीप नेगी ने बताया कि भीड़ को देखते हुए एक,बी,और सी प्लान लागू करने की व्यवस्था है। श्यामपुर से ऋषिकेश के बीच बाहर से आने वाले वाहनों को प्रवेश न दिए जाने की व्यवस्था है। रविवार को ट्रैफिक शहर में कैसे भेजा गया इसे देखा जाएगा। दोपहर बाद शहर के अंदरूनी मार्गों पर व्यवस्था ठीक कर दी गई है।
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वीकेंड पर त्रिवेणी घाट रोड जाम
ऋषिकेश का एकमात्र दर्शनीय स्थल त्रिवेणी घाट है। यहां शाम को होने वाली आरती का अलग ही आकर्षक है। शनिवार और रविवार को बड़ी संख्या में स्थानीय ही नहीं बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी यहां पहुंचते हैं। शाम को 6:00 बजे बाद घाट तक पहुंचाना बड़ा मुश्किल काम है। यहां भी चुनिंदा स्टाफ ही इतनी बड़ी व्यवस्था को संभाले हैं। शाम को त्रिवेणी घाट चौकी प्रभारी को स्वयं मोर्चा संभालना पड़ता है। घाट चौराहा से बड़ी संख्या में चार पहिया और तिपहिया वाहनों की एंट्री करा दी जाती है, जो आगे जाकर जाम का कारण बनती है। जब तक लोग जाम से संघर्ष कर आगे बढ़ते हैं तब तक आरती समाप्त हो जाती है। विभिन्न संपर्क मार्गों के जरिए घाट रोड तक ठेली और रेवड़ियां घुस जाती है जो जाम को बढ़ावा देती है।


