



– उत्तराखंड विश्वविद्यालय ऋषिकेश परिसर में शिविर,95 लोगों ने किया रक्तदान
ब्यूरो,ऋषिकेश
पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, राष्ट्रीय कैडेट कोर, नमामि गंगे प्रकोष्ठ, एमएलटी,रोटरी ऋषिकेश सेंट्रल एवं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के सयुक्त तत्वाधान मे स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया I जिसमें छात्र छात्राओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया परिसर में रक्तदान के लिए छात्रों की लंबी कतारें दिखी, जिसमें 95 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया।

रक्तदान शिविर का उद्घाटन श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर के कुलपति प्रो एनके जोशी, परिसर के निदेशक प्रो महावीर सिंह रावत, विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रो गुलशन कुमार ढींगरा द्वारा किया गया।
कुलपति प्रो एन के जोशी ने कहा कि रक्तदान करने से दिल की सेहत में सुधार दिल की बीमारियां और स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है। खून में आयरन की ज्यादा मात्रा दिल के दौरे के खतरे को बढ़ा सकती है। नियमित रूप से रक्तदान करने से आयरन की अतिरिक्त मात्रा नियंत्रित हो जाती है जो दिल की सेहत के लिए अच्छा है, हमारे देश में ब्लड डोनेशन करने वालों की संख्या कम एवं ब्लड की मांग ज्यादा है। क्योंकि कई मरीजों के शरीर में खून की मात्रा इतनी कम हो जाती है, उन्हें किसी और व्यक्ति से ब्लड लेने की आवश्यकता पड़ जाती है। ऐसी इमरजेंसी स्थिति में खून की आपूर्ति के लिए लोगों को रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए।
परिसर के निदेशक प्रो महावीर सिंह रावत ने कहा रक्तदान को महादान बताया। कहा कि प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान से किसी व्यक्ति की जान बच सकती है। रक्तदान कैंसर पीड़ित मरीजों, रक्तस्त्राव विकार, एनीमिया और दूसरी खून की कमी से जुड़ी बीमारियों के इलाज में मदद करता है। इससे कैंसर का खतरा कम होता है। वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी एवं नमामि गंगे के नोडल अधिकारी डॉ अशोक कुमार मेंदोला ने कहा की एक यूनिट रक्त को 4 अलग-अलग भागों में विभाजित किया जाता है, जो अलग-अलग बीमारियों से ग्रसित लोगों को दिया जा सकता है। एक यूनिट रक्त से 4 लोगों की जान बचाई जा सकती है। हमें रक्तदान के लिए लोगों को जागरूक करना होगा। जिससे रक्तदान के जरिए रक्त की कमी को पूरा किया जा सकता है। मेंदोला ने बताया की रक्तदान शिविर के दौरान 168 छात्र छात्राओं ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया। परंतु हिमोग्लोबिन एवं वजन कम होने से कई छात्र-छात्राएं रक्तदान नहीं कर पाए।
रक्तदान शिविर में एनएसएस कोऑर्डिनेटर प्रो गौरव वार्ष्णेय, संयोजक प्रो धर्मेन्द्र तिवारी, डॉ पारूल मिश्रा, एम्स ऋषिकेश से आए डॉ उमेश कुमार सिंह, सीनियर नर्सिंग अधिकारी प्रियंका जोशी, नर्सिंग अधिकारी इमरान हैदर, मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर टेक्नीशियन रोटरी ऋषिकेश सेंट्रल के भरत खन्ना, दीपक तायल, हरि रतूड़ी, विकास गर्ग, देवव्रत अग्रवाल, द्वारा इस शिविर में सहयोग किया।


