




– अंकिता भंडारी की तीसरी पुण्यतिथि पर उत्तराखंड क्रांति दल ने त्रिवेणी घाट चौकी के सामने लगाया जाम
– हत्याकांड में शामिल वीआईपी के नाम का खुलासा और गिरफ्तारी की मांग
ऋषिकेश, उत्तराखंड:
वनंतरा रिसोर्ट की कर्मचारी अंकिता भंडारी हत्या को 3 वर्ष पूरे हो चुके हैं। अंकिता भंडारी की तीसरी पुण्यतिथि पर उत्तराखंड क्रांति दल ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार घर चौराहे पर जाम लगाया। इसके बाद आंदोलनकारी जुलूस की शक्ल में रविवार की शाम त्रिवेणी घाट चौकी पहुंचे। सक्षम अधिकारी नहीं मिले तो इन्होंने यहां जाम लगा दिया। जाम में फंसे श्रद्धालुओं की आंदोलनकारी के साथ रास्ता खोल जाने को लेकर नोक-झोंक भी हुई। करीब आधा घंटा जाम में काफी लोग फंसे रहे। इसके बाद जाम खोल दिया गया।
सोमवार से नवरात्र शुरू हो रहे हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजन सामग्री लेने पहुंचे थे। गंगा आरती भी संपन्न हो गई थी। इस बीच त्रिवेणी घाट चौकी के समीप आंदोलनकारी ने जाम लगाकर पूरा रास्ता अवरुद्ध कर दिया। गंगा जी की ओर जाने वाले और वहां से आने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में जाम में फंस गए। बाहर से आए इन श्रद्धालुओं ने आंदोलनकारियों से त्यौहार का वास्ता देकर जाम खोलने का आग्रह किया। आंदोलनकारी नहीं माने इस दौरान दोनों पक्षों के बीच नोक-झोंक भी हुई।
त्रिवेणी घाट चौकी प्रभारी विनेश कुमार उपस्थित लोगों को समझते रहे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब प्रशासन को पूर्व में ही सूचना दे दी गई थी तो मौके पर ज्ञापन लेने के लिए सक्षम अधिकारी को आना चाहिए था। बाद में चौकी प्रभारी ने इनकी उप जिलाधिकारी से बात कराई, इसके बाद जाम खोल दिया गया।

चौकी प्रभारी को आंदोलनकारी ने उप जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन दिया। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है, लेकिन 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी अंकित भंडारी को पूर्ण न्याय नहीं मिला है। इस मामले में सरकार वीआईपी को बचाने का काम कर रही है। आंदोलनकारी ने मांग उठाई की वीआईपी का नाम सार्वजनिक किया जाए और उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई हो।

प्रदर्शन और ज्ञापन देने वालों में उत्तराखंड क्रांति दल के महानगर संयोजक महेंद्र सिंह, सीताराम रणाकोटी, उषा चौहान, विमल बहुगुणा, विजयलक्ष्मी, संगीता उनियाल, संतोष भट्ट, दीपेंद्र प्रसाद, लक्ष्मण रमोला, सुखदेव गुसाई, जितार सिंह बिष्ट शामिल रहे।

