



✍🏻 राज्य सूचना आयोग ने एक अपील में निर्णय देते हुए किया स्पष्ट
✍🏻 यूनियन के लेटर पैड पर सूचना मांगा जाना आयोग ने गलत बताया
देहरादून: आम नागरिक ही मांग सकता है सूचना, सूचना अधिकार के अंतर्गत सूचना मांगने का अधिकार प्रयोग सिर्फ आम नागरिक के रूप में ही किया जा सकता है। किसी संस्था, यूनियन, फॉर्म, संस्थान निकाय का पदाधिकारी सूचना अधिकार के अंतर्गत पदाधिकारी के रूप में संबंधित संस्थान यूनियन आदि के लिए सूचना आवेदन नहीं कर सकता। राज्य सूचना आयोग ने एक अपील में दिए गए निर्णय में यह स्पष्ट किया है। आयोग ने लोक सूचना अधिकारियों सहायक श्रम आयुक्त एवं विभागीय अपीलीय अधिकारी उप श्रम आयुक्त द्वारा अनुरोध पत्रों एवं अपील का अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार निस्तारित नहीं किए जाने पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए लोक सूचना अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी को चेतावनी जारी की है।
राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने रुद्रपुर निवासी हरेंद्र सिंह द्वारा करौलिया लाइटिंग एम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष के रूप में आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई अपील पर दिया गया। यूनियन के अध्यक्ष द्वारा लोक सूचना अधिकारी द्वारा संतोषजनक सूचना नहीं दिए जाने पर अपील की गई थी। लोक सूचना अधिकारी सहायक श्रम आयुक्त का कथन था कि अपीलार्थी को वांछित सूचना से संबंधित पत्रावलियों का निरीक्षण करते हुए निशुल्क सूचना प्रदान की गई है। आयोग ने अपने निर्णय में कहा है कि आज सुनवाई के समय पत्रावली का परीक्षण करने पर स्पष्ट हुआ कि प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा करोलिया लाइटिंग इम्पलाइज यूनियन, उधमसिंहनगर के पैड पर अध्यक्ष, करोलिया लाइटिंग इम्पलाइज यूनियन, उधमसिंहनगर के रूप में सूचना आवेदन/अनुरोध पत्र प्रस्तुत किया गया है। अनुरोध पत्र में आवेदक का पता यूनियन के कार्यालय का दिया गया है। स्पष्ट है कि लोक सूचना अधिकारी द्वारा अनुरोध पत्र का गंभीरतापूर्वक परीक्षण नहीं किया गया। स्पष्ट किया जाता है कि सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आम नागरिक के रूप में सूचना मांगे जाने का प्राविधान है, किसी संस्था के पदाधिकारी के रूप में सूचना मांगना अधिनियम के अंतर्गत प्राविधानित नहीं है। सूचना का अधिकार भारत के प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। संस्थान, यूनियन, संस्था अथवा निकाय भारत का नागरिक नहीं है। संस्थान अथवा यूनियन आदि के पदाधिकारी एक नागरिक के रूप में स्वयं के लिये तो सूचना मांग सकते हैं लेकिन सूचना अधिकार अधिनियम के प्राविधानों के अंतर्गत संस्थान, संस्था, यूनियन या निकाय के पदाधिकारी के रूप में संस्थान, यूनियन अथवा निकाय के लिये सूचना की मांग नहीं की जा सकती। प्रश्नगत प्रकरण में अपीलार्थी द्वारा दिनांक 06/06/2024 को प्रस्तुत मूल अनुरोध पत्र के सापेक्ष तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री अरविन्द सैनी द्वारा पत्र दिनांक 18/07/2024 के माध्यम से अपीलार्थी को अवलोकन हेतु आमंत्रित किया गया। तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी द्वारा यह परीक्षण नहीं किया गया कि मूल अनुरोध पत्र सूचना का अधिकार अधिनियम प्राविधान के अंतर्गत ग्राह्य है अथवा नहीं। अपीलार्थी द्वारा यूनियन के अध्यक्ष के रूप में यूनियन के लिये सूचना मांगी गयी है जिसे लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत ग्राह्य न करते हुए अपीलार्थी को निर्धारित 30 दिन की समय-सीमा के अंदर अवगत कराना चाहिए था। वर्णित स्थिति में स्पष्ट है कि तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री अरविन्द सैनी द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के प्राविधानों का भली-भांति अनुपालन नहीं किया गया है। तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री अरविन्द सैनी को कठोर चेतावनी दी जाती है कि भविष्य में सूचना अधिकार अधिनियम के प्राविधानों के प्रति सजग रहते हुए अनुरोध पत्रों का निस्तारण किया जाये। वर्तमान लोक सूचना अधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि इस आदेश की तामीली तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री अरविन्द सैनी को करायी जानी सुनिश्चित की जाये।
आयोग ने टिप्पणी की है कि यह आश्चर्यजनक है कि प्रथम अपील में प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा भी प्रश्नगत प्रकरण में मूल अनुरोध पत्र की अनदेखी की गयी। उनके द्वारा प्रथम अपील का निस्तारण सरसरी तौर पर किया गया तथा यह परीक्षण नहीं किया गया कि अपीलार्थी का मूल अनुरोध पत्र सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत ग्राह्य है अथवा नहीं। यह स्पष्ट किया जाता है कि सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रथम अपील की सुनवाई अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया है। जिसके अंतर्गत प्रथम अपीलीय अधिकारी का दायित्व है कि अपील का निस्तारण यह सुनिश्चित करते हुये किया जाये कि सूचना हेतु अनुरोध पत्र अधिनियम के प्राविधानों के अनुरूप प्रस्तुत किया गया है अथवा नहीं। प्रस्तुत अपील में विभागीय अपीलीय अधिकारी द्वारा प्रथम अपील का निस्तारण जिम्मेदारी पूर्वक अधिनियम के अनुरूप नहीं किया गया। तत्कालीन विभागीय अपीलीय अधिकारी को कठोर चेतावनी दी जाती है कि भविष्य में सूचना अधिकार अधिनियम के प्राविधानों के प्रति सजग रहते हुए प्रथम अपीलों का निस्तारण सुनिश्चित किया जाये। प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी को भी स्पष्ट किया जाता है कि यूनियन के पदाधिकारी के रूप में यूनियन के लैटर हैड पर यूनियन हेतु सूचना मांगना अधिनियम के अंतर्गत प्राविधानित नहीं है। सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वह एक आम नागरिक के रूप में स्वयं के लिये ही सूचना की मांग कर सकते हैं। अपीलार्थी से अपेक्षा की जाती है कि भविष्य में इसका ध्यान रखते हुए ही सूचना अधिकार के अंतर्गत अनुरोध पत्र प्रस्तुत किये जायें।


