




– एसडीएम द्वारा गठित ज्यूरी की रिपोर्ट का नहीं हुआ अनुपालन
ऋषिकेश,उत्तराखंड:
रामलीला कमेटी सुभाष बनखंडी पर अधिकार को लेकर दो पक्षों में छिड़ा विवाद बढ़ता ही जा रहा है। वर्तमान में जो पक्ष रामलीला का संचालन कर रहा है उसके पत्र बीते रोज कोतवाली जा पहुंचे इनका आरोप था कि पुलिस और प्रशासन राम बारात निकालने की अनुमति नहीं दे रहा है। वहीं दूसरी और दूसरे पक्ष के लोग भी सार्वजनिक रूप से सामने आए हैं। इन्होंने बिना अनुमति के रामलीला कर रहे पक्ष को रामलीला करने से नही रोकने पर पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं।
गुरुवार को इस संबंध में सुभाष बनखंडी रामलीला कमेटी पर दावा कर रहे दूसरे पक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई अहम जानकारियां सार्वजनिक की है। पूर्व पार्षद हरीश तिवाड़ी ने आरोप लगाया कि वर्ष 2024 की रामलीला करने के बाद धीरे-धीरे दूसरे पक्ष ने वाद विवाद की स्थिति पैदा की। यूसीसी का कैंप लगाने के लिए गलत तारीख का प्रचार प्रसार कर अन्य तारीख में रामलीला परिसर के गेट का ताला तोड़कर अंदर घुस जाता है। मामले में 30 में को दोनों पक्षों के 13 लोगों पर करवाई होती है। इसके अलावा बाली पाल की शिकायत पर मुकदमा भी दूसरे पक्ष पर दर्ज है।
उन्होंने आरोप लगाया कि दूसरे पक्ष में कूट रचित दस्तावेज तैयार कर समिति का नवीनीकरण कराया है। सीए की ऑडिट रिपोर्ट में कहीं पर भी यूडिन नम्बर का जिक्र नहीं है। यह भी आरोप लगाया कि नवीनीकरण करते समय फर्जी हस्ताक्षरों का उपयोग है। इसके अलावा एसडीएम से दोनो पक्षों ने रामलीला मंचन की अनुमति मांगी थी। जिसके लिये एसडीएम ने ज्यूरी का गठन कर एक कमेटी बनायी थी। जिसमें प्रभारी निरीक्षक ऋषिकेश, तहसीलदार ऋषिकेश व सहायक नगर आयुक्त नगर निगम ऋषिकेश की एवं दोनो पक्षों के चार-चार लोगो को शामिल कर कोतवाली ऋषिकेश में बैठक आयोजित की गयी थी, कि दोनो पक्षों में सहमति बन जाये। लेकिन दोनो पक्षों में सहमति ना बनने की दशा में ज्यूरी ने अपनी रिपोर्ट एसडीएम ऋषिकेश को प्रेषित कर दी थी। जिसमें एसडीएम ने दोनो पक्षों को रामलीला मंचन की अनुमति प्रदान नही की। इस सबके बावजूद पुलिस और प्रशासन ने वहां दूसरे पक्ष द्वारा रामलीला के संचालक को नहीं रोका। इस मौके पर विनोद पाल, एडवोकेट राकेश पारचा आदि भी मौजूद रहे।

