




– रामलीला में हुआ सीता हरण व राम-हनुमान मिलन का प्रभावशाली मंचन
डोईवाला, जौलीग्रांट: स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के प्रांगण में हिमालयन रिक्रेएशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट (एचआरडब्लूटी) द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव अत्यंत भावनात्मक और प्रेरणादायक रहा। रामलीला के मंचन में “सीता हरण” और “राम-हनुमान मिलन” जैसे महत्वपूर्ण प्रसंगों का सजीव चित्रण किया गया।
रामलीला का शुभारंभ स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने श्रद्धापूर्वक श्री हनुमान जी की आरती की, जिससे पूरे वातावरण में भक्ति और ऊर्जा का संचार हुआ।
इसी कड़ी में, दर्शकों ने उस क्षण को सांसें थामकर देखा जब रावण, मारीच की सहायता से सीता माता का हरण करता है। सीता हरण का दृश्य न केवल नाट्य दृष्टि से प्रभावशाली रहा, बल्कि यह दर्शकों के मन को भी झकझोर गया। माता सीता की करूण पुकार, रावण का छल और जटायु का बलिदान – सभी ने वातावरण को भावविभोर कर दिया।
इसके पश्चात प्रस्तुत हुआ “राम-हनुमान मिलन” का अद्भुत प्रसंग, जिसने सभा में जोश और श्रद्धा का संचार कर दिया। हनुमान जी की भक्ति, समर्पण और उनकी पहली भेंट में प्रभु श्रीराम के प्रति उनका प्रेम भाव दर्शकों के हृदय को छू गया। इस दृश्य में हनुमान जी का संवाद, उनकी विनम्रता और श्रीराम की करुणा का सुंदर संगम देखने को मिला।
रामलीला के इस आयोजन में विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं, अभिभावकगण एवं स्थानीय जनता की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। समूचा परिसर “जय श्रीराम” और “बोलो रघुकुल शिरोमणि भगवान श्रीरामचंद्र की जय” जैसे जयघोषों से गूंजता रहा।
एचआरडब्लूटी द्वारा प्रस्तुत यह रामलीला न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनी हुई है, बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों के संरक्षण का भी सशक्त माध्यम बन रही है।

