




-बाली-सुग्रीव युद्ध और अशोक वाटिका प्रसंग का मंचन
ऋषिकेश, उत्तराखंड: स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के प्रांगण में हिमालयन रिक्रेएशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट (एचआरडब्लूटी) द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव हर दिन और अधिक प्रभावशाली और श्रद्धामयी होता जा रहा है।
रविवार को शुभ आयोजन का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना, नगर पालिका अध्यक्ष डोईवाला नरेंद्र सिंह नेगी एवं डॉ. विजेंद्र चौहान ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
इस दौरान रामलीला मंचन में सहयोग दे रहे विशेष कलाकारों को शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
आज के मंचन का शुभारंभ हनुमान जी की राम और लक्ष्मण से भेंट के प्रसंग से हुई। इसके बाद बाली और सुग्रीव का युद्ध दर्शकों के लिए अत्यंत रोचक और रोमांचकारी सिद्ध हुआ।
इसके पश्चात रावण का अशोक वाटिका में प्रवेश और माता सीता के साथ संवाद का प्रसंग मंचित हुआ। इस प्रसंग में रावण का अहंकार और सीता माता की अडिग मर्यादा एवं दृढ़ संकल्प का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात हनुमान जी और माता सीता का संवाद हुआ, जिसने दर्शकों को गहराई से भावविभोर कर दिया।
आज के आयोजन में धर्म, वीरता, करुणा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। पूरा विश्वविद्यालय परिसर “जय श्रीराम”, “बजरंगबली की जय” और “रघुकुल शिरोमणि श्रीरामचंद्र की जय” के घोष से गूंजता रहा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि “रामलीला केवल एक सांस्कृतिक मंचन नहीं, बल्कि हमारी सनातन परंपरा, मूल्यों और जीवन दर्शन का सशक्त प्रतीक है। इससे आज की पीढ़ी को सत्य, कर्तव्य, और सेवा की प्रेरणा मिलती है।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि एचआरडब्लूटी द्वारा आयोजित यह आयोजन हमारी संस्कृति की जड़ों को और मजबूत करता है। मैं इस प्रयास की सराहना करता हूं और सभी कलाकारों को उनकी भक्ति और समर्पण के लिए धन्यवाद देता हूं।”

