




✍🏻 पिछली बोर्ड की बैठक में पारित प्रस्तावों के धरातल पर ना आने से नाराज थे पार्षद
✍🏻 पार्षदों ने बैठक के एजेंडा की प्रतियां फाड़कर सभागार में उछाली
ऋषिकेश, उत्तराखंड:
नगर निगम की बोर्ड बैठक में शुक्रवार को कुछ पार्षदों ने जमकर बवाल काटा। पिछली बैठक में प्रस्तुत किए गए प्रस्तावों पर काम न होने से नाराज इन पार्षदों ने नगर निगम प्रशासन पर आरोप लगाए।
शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। कई पार्षदों ने बोर्ड एजेंडे की कापी फाड़कर हवा में उछाल दी। अधिकारियों के साथ हंगामा कर रहे पार्षदों की कई बार तीखी नोकझोंंक हुई। देर शाम तक बैठक पिछली बैठक के प्रस्तावों पर चर्चा से आगे नहीं बढ़ पाई थी।
नगर निगम की पिछली बोर्ड बैठक दस मार्च को हुई थी। दूसरी बोर्ड बैठक शुक्रवार को देहरादून रोड स्थित एक होटल के सभागार में हुई। बोर्ड बैठक में पहला प्रस्ताव महापौर शंभू पासवान की ओर से जीएसटी की नई दरों के बोर्ड के समर्थन का रखा गया था। जैसे ही अधिकारियों ने एजेंडे का पहला प्रस्ताव पढ़ना शुरू किया तो पार्षदों ने पिछली बोर्ड बैठक की कार्यवाही की पुष्टि करने की मांग की। पिछली बोर्ड बैठक में पारित हुए प्रस्ताव पर हुए कामों की जानकारी देने को कहा। अधिकांश प्रस्तावों पर अधिकारियों ने काम के गतिमान होने या टेंडर प्रक्रिया शुरू होने की बात कही।
पार्षद देवेंद्र प्रजापति, राम कुमार संगर, चेतन चौहान, सत्या कपरुवाण, राजेंद्र बिष्ट, संजय बिष्ट, सरोजनी थपलियाल, भगवान सिंह पंवार आदि ने कहा कि कई बार निरीक्षण के बाद भी काम नहीं हो पाए। इस दौरान तनातनी इतनी बढ़ी कि कई पार्षदों ने बोर्ड एजेंडे की कापी फाड़कर दस्तावेज हवा में उड़ा दिए। उनकी अधिकारियों के साथ तनातनी और नोकझोंक की स्थिति बनी।
महापौर शंभू पासवान और नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल ने दखल दिया। महापौर ने कहा कि केवल सुनी-सुनाई बातों को नहीं कहना चाहिए। बहुत जगह काम हुए हैं। जिन पर काम नहीं हुआ है उस पर प्रक्रिया चल रही है। उसके बाद एक-एक वार्ड से पुराने प्रस्तावों पर चर्चा शुरू हुई। इस दौरान भी पार्षद निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाकर घेरते रहे। देर शाम तक बैठक जारी रही।

