



ऋषिकेश, हरीश तिवारी:
“परिजनों ने कराए मां के नेत्रदान”
मां हर पल तुम साथ हो मेरे, मुझको यह एहसास है ।
आप तो बहुत दूर हो लेकिन, आपके नेत्र हमारे पास है।।
उपरोक्त वाक्य भीमगोडा हरिद्वार निवासी श्रीमती दया तिवारी, मुक्तसर निवासी श्रीमती सीता गिरधर, ऋषिकेश निवासी श्रीमती चांद रानी अरोड़ा के परिवार पर चरितार्थ होते हैं, जिनके परिजनों द्वारा मरणोपरांत नेत्रदान कराने से उनके नेत्र किसी की आंखों में आज भी जीवित है, और दुनिया देख रहे है।
विस्तृत जानकारी देते हुए लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के अध्यक्ष राजेश अरोड़ा ने बताया कि क्लब के चार्टर अध्यक्ष गोपाल नारंग की मुक्तसर निवासी सम्बन्धी का पटियाला में निधन हो गया था। मरणोपरांत उनके पुत्र राजन गिरधर व नीरज गिरधर ने अस्पताल प्रशासन को माता के नेत्रदान का संकल्प पूरा कराने के लिए नेत्र दान करवाने के लिए आग्रह किया । अस्पताल वालों ने असमर्थता दिखाते हुए तुरंत देह ले जाने के लिए कहा ।परिवार वालों ने नेत्रदान का निर्णय लेकर श्री नारंग को सूचित किया। श्री नारंग ने तुरंत अपने सुत्रो से पटियाला के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आनंद अग्रवाल से संपर्क किया ,वह नेत्रदान का पुनीत कार्य कराया।
नेत्रदान के प्रति जागरूकता देखते हुए भीमगोडा निवासी 82 वर्षीय दया तिवारी के नेत्रदान कराए गए। उनके पुत्र दीप तिवारी, मनोज तिवारी व गिरीश को उनके भांजे कमल पांडे ने नेत्रदान के लिए प्रेरित कर नेत्रदान महादान हरिद्वार ऋषिकेश टीम के अशोक कालड़ा से संपर्क किया। श्री कालड़ा की
सूचना पर एम्स हॉस्पिटल की नेत्रदान की रेस्क्यू में डॉ दीपा व बिंदिया भाटिया ने निवास पर जाकर कोनिया सुरक्षित प्राप्त कर लिए।
नेत्रदान की कड़ी में श्रीमती चांद अरोड़ा के निधन की जानकारी मिलने पर श्री नारंग ने उनके भतीजे चेतन अरोड़ा को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया ,जिन्होंने अपने चचेरे भाई गिरीश चावला, चाचा मदन अरोड़ा व हर्ष गांधी से स्वीकृति लेकर टीम को सूचित किया। एम्स हॉस्पिटल की नेत्रदान की रेस्क्यू टीम ने निवास पर आकर दोनों कार्निया सुरक्षित प्राप्त कर लिए।
नेत्र दान के पुनीत कार्य पर राजीव खुराना, राजीव अरोड़ा, श्याम लुना,मनमोहन भोला, राजेंद्र गुरेजा, धीरेन्द्र अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, साहिल दरगन,नील कमल अरोड़ा,शिवम गेरा ने परिजनों को साधुवाद दिया।


