



– बदरीनाथ हाईवे पर लगाया जाम,आंदोलनकारियों ने दी चार धाम यात्रा बाधित करने की चेतावनी
ऋषिकेश, Harish Tiwari-
सिंगटाली पुल के मुद्दे को लेकर क्षेत्रीय जनता का आक्रोश आखिरकार सड़कों पर फूट पड़ा। गुस्साए लोगों ने सांकेतिक रूप से बद्रीनाथ हाईवे पर सांकेतिक जाम भी लगाया। मूल निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के नेतृत्व में सिंगटाली पुल के निर्माण के लिए क्षेत्रीय जनता, जनप्रतिनिधि, विभिन्न राजनीतिक दलों, समाजसेवियों, युवाओं और मातृशक्ति एकजुट नजर आए। ऐसा पहली बार देखने को मिला कि लोगों ने गंगा में डुबकी लगाकर अपने संकल्प को शुद्ध किया और धरना स्थल पर अपनी हुंकार दर्ज कराई।
सिंगटाली पुल के निर्माण की मांगों को लेकर भू कानून समन्वय संगत समिति की ओर से रविवार के रोज प्रदर्शन का आवाहन किया गया था। जिसके तहत दिल्ली, चंडीगढ़, गुड़गांव एवं अन्य जगहों से भी बड़ी संख्या में मूल निवासियों ने पहुंचकर इस जनभावना में अपनी सहभागिता दी।
जिलाधिकारी से वार्ता के बाद मौके पर पहुंचे उप जिलाधिकारी नरेंद्र नगर, देवेंद्र सिंह नेगी ने जनता को विश्वास दिलाया कि पंद्रह दिन के भीतर सिंगटाली पुल के निर्माण से संबंधित ठोस निर्णय जनता के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
समिति ने सरकार को स्पष्ट शब्दों में बताया कि चार धाम यात्रा प्रारंभ होने तक यदि सिंगटाली पुल के निर्माण की ठोस कार्यवाही नहीं हुई, तो क्षेत्रीय जनता चार धाम यात्रा को बाधित करने पर विवश होगी।
इस आंदोलन के संयोजक एवं मूल निवास भू कानून समिति के नरेंद्रनगर संयोजक विकास रयाल ‘कर्मयोगी’ ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार की नींद सिंगटाली की पुकार से नहीं टूटी, तो चार धाम यात्रा भी सिंगटाली पुल की भेंट न चढ़ जाए, सरकार के पास अभी भी समय है ओर क्षेत्रीय जनता की मांग को नजरअंदाज न करे।
मूल निवास भू-कानून समिति के संस्थापक संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि सिंगटाली पुल का निर्माण अब टाला नहीं जा सकता। यदि सरकार ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो चार धाम यात्रा जैसी महत्वपूर्ण यात्रा भी इस जनाक्रोश से अछूती नहीं रहेगी।
समिति के संयोजक लुशुन टोड़ारिया ने कहा कि सिंगटाली पुल क्षेत्र के जीवन का सवाल है, यह सिर्फ एक विकास कार्य नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों की सांसें बचाने की जिद है। पूर्व गढ़वाल कमिश्नर एसएस पांगती, उदय सिंह नेगी, विनोद बर्थवाल ने बताया कि यह लड़ाई पिछले 2 दशक से लड़ी जा रही है लेकिन अब मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के जुड़ने से अब यह लड़ाई निर्णायक मोड पर पहुंचेगी।
इस आंदोलन में दिनेश चंद मास्टर, बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल, पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत, पूर्व गढ़वाल कमिश्नर एस एस पांगती, सिंगटाली पुल संघर्ष समिति के अध्यक्ष उदय सिंह नेगी, मूल निवास भू कानून के केंद्रीय सचिव मनोज कोठियाल,हिमांशु रावत, संजय सिलस्वाल, गढ़वाल सभा दिल्ली के महासचिव पवन मैठाणी, उक्रांद के आशुतोष नेगी, आशीष नेगी, प्रमिला रावत,राजेश्वरी मैठाणी, पूर्व सैनिक संगठन के सत्या कंडवाल, उषा डोभाल, शशि रावत,उषा जोशी, पुष्पा रावत, विनोद बर्थवाल, बॉबी रांगड़ शामिल थे।


