– यात्रा का शुभारंभ, पंच प्यारों के नेतृत्व में पहला जत्था हुआ रवाना
ब्यूरो,ऋषिकेश
गुरूद्वारा हेमकुंड साहिब, ऋषिकेश से बुधवार को उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह, परमार निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती, हंस फाउंडेशन की प्रणेता मंगला माता, भोले जी महाराज ने पंच प्यारों की अगुवाई में श्रद्धालुओं के जत्थे को रवाना किया। इसके साथ ही हेमकुंड धाम की यात्रा का भी शुभारंभ हो गया।
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम में पंच प्यारों के नेतृत्व में जाने वाले सभी श्रद्धालु यात्रियों को माला पहनाकर और रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर श्री हेमकुंड साहिब यात्रियों के दल को शुभकामनायें देकर रवाना किया।
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने श्री हेमकुंड साहिब जाने वाले सभी यात्रियों को शुभकामनायें देते हुये कहा कि पहाड़ की संस्कृति व संस्कारों को बनाये रखते हुये इस दिव्य यात्रा का आनन्द ले। उन्होंने कहा उत्तराखंड की धरती तप की धरती हैं, संयम की धरती हैं। यहां पर गुरूगोबिंद सिंह जी ने भी आकर तपस्या की, यह उनकी भी तपोभूमि है इसलिये इसे प्रदूषण से मुक्त और पर्यावरण से युक्त बनाये रखना है
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि उत्तराखंड आध्यात्मिक ऊर्जा का पावर बैंक है। चाहे चार धाम यात्रा हो या श्री हेमकुंड़ साहिब यात्रा हो यहां आने पर हृदय अध्यात्म और आनन्द से भर जाता है। यह शान्ति, शक्ति और भक्ति की भूमि है। उन्होंने कहा उत्तराखंड पर्यटन की नहीं तीर्थाटन की भूमि है। यह यात्रा जागृति और नई ऊर्जा के समावेश की है।
इस अवसर पर पर्यावरण प्रहरी पद्मश्री बलवीर सिंह सीचेवाल, श्री जयराम मौसम के अध्यक्ष बह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज, जयराम आश्रम, कुलपति, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय प्रोफेसर दिनेश चन्द्र शास्त्री, महंत श्री भरत मन्दिर वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज उपस्थित रहे।
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December 11, 2024