– राजा जी के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में अब सुनाई देगी बाघों की दहाड़
ब्यूरो,ऋषिकेश
राजाजी टाइगर रिजर्व में वन मंत्रालय की बाघों की पुनर्स्थापित करने की योजना धरातल पर रंग लाती नजर आ रही है। टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़ता ही जा रहा है। कार्बेट पार्क से लाई गई बाघिन ने यहां चार शावकों को जन्म दिया है। बीते तीन वर्षों में यहां अब तक तीन मादा व एक नर बाघ को शिफ्ट किया जा चुका है। वन मंत्री सुबोध ने वाइल्डलाइफ में काम करने वाले तमाम लोगों को बधाई दी है। उन्होंने इसे वन्यजीव संरक्षण के लिए उपलब्धि बताया है।
मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव डा. समीर सिन्हा ने बताया कि बाघों की मानिटरिंग टीम में एक बाघिन को चार शावकों के साथ देखा है। इन बाघों पर सेटेलाइट सिस्टम, रेडियो कालर व कैमरा ट्रैप के जरिए नजर रखी जा रही है। वर्ष 2021 में जिम कार्बेट से इस बाघिन को यहां शिफ्ट किया गया था। राजा जी में शावकों का जन्म पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है। बाघों के लिए लिहाज से वीरान पड़े राजा जी टाइगर रिजर्व के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में अब इनकी दहाड़ सुनाई देगी,जो की स्थिति की तंत्र की मजबूती के लिए बेहद जरूरी भी है।
वनमंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघों की पुनर्स्थापना के साथ ही इको पर्यटन का हब बनाने की दिशा में प्रयास फलीभूत होते नजर आ रहे हैं। इससे वन जीव संरक्षण के साथ इकोसिस्टम भी मजबूत होगा।
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बाघों की संख्या में उत्तराखंड तीसरे स्थान पर
देश मे उत्तराखंड का बाघों की संख्या में तीसरा स्थान है।
उत्तराखंड में बाघों का जनसंख्या घनत्व दुनिया में सबसे अधिक है। बाघों की आबादी,जो 2006 में 178 थी, 2022 में बढ़कर 560 हो गई, जिसमें 314% की वृद्धि दर्ज की गई।