

– हल्की बारिश में ही सीसी स्पर ध्वस्त, भ्रष्टाचार की खुली पोल
ब्यूरो,ऋषिकेश:
सिंचाई विभाग पर पहली मर्तबा नहीं पूर्व में भी काई बार निर्माण कार्यों में अनियमितता और गुणवत्ता की कमी के आरोप लगते रहे हैं, किन्ही कारणों से सभी मामले दबते चले गए। अधिकारी और जनप्रतिनिधि इन सबको नजर अंदाज करते आए हैं। इस बार एक नया मामला सामने आया है, गौहरी माफी, ठाकुरपुर खदरी गांव सहित आस-पास के क्षेत्र में विभाग की ओर से निर्मित 37 करोड़ की बाढ़ सुरक्षा योजना पहली ही बरसात नहीं झील पाई है। सीसी ब्लॉक और तार जाल काई जगह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
सौंग नदी किनारे सीसी तटबंध के निर्माण में किस तरह भ्रष्टाचार हुआ इसकी सच्चाई खुद क्षतिग्रस्त सीसी ब्लाक, स्पर, तारजाल बयां कर रहे हैं। नदी का जलस्तर बढ़ते ही एक दर्जन से ज्यादा स्पर व तार-जाल क्षतिग्रस्त हो गए या उनके दरार पड़ गयी हैं। जबकि सौंग नदी ने अभी तक बीते वर्षों की तरह अपना रौद्र रूप नहीं दिखाया है। यदि बाढ़ की स्थिति बनी तो सूरतेहाल में बड़े नुकसान की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
सौंग नदी के बाढ़ का पानी हर साल तबाही मचाता है। सुरक्षा के लिए सिंचाई विभाग ने तकरीबन साढे 37 करोड़ रूपये खर्च कर लगभग पूरे क्षेत्र में सीसी तटबंध, स्पर व तार जाल का निर्माण कराया है। यह काम बीते माह ही पूरा हुआ था। अब जिस तरह स्पर व ब्लाक क्षतिग्रस्त हुए हैं उससे कार्य की गुणवत्ता और विभागीय कार्यशैली दोनों पर सवाल उठने स्वाभाविक हैं।
जब बाढ़ सुरक्षा कार्य हो रहे थे तब ग्रामीणों ने कई मर्तबा कार्य की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की मगर अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। हालांकि निरीक्षण कर खाना-पूर्ति के लिए कुछेक स्पर तुड़वाकर दोबारा बनवाए थे। वहीं, क्षतिग्रस्त सीसी स्पर में साफ दिख रहा है कि इनको बनाने में मिट्टी व पांग का इस्तेमाल किया गया। इतना ही नहीं तार-जाल में भी पत्थर के बजाए मिट्टी बजरी भरी।
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मामला अत्यधिक गंभीर है, इस मामले में अधिकारी हो चाहे ठेकेदार दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी। मैं स्वयं मौके पर जाकर हुए निर्माण कार्यों का निरीक्षण करूंगा।
संजय राज, अधीक्षण अभियंता, सिंचाई विभाग, देहरादून