ब्यूरो,ऋषिकेश:
श्री रामायण प्रचार समिति द्वारा गोस्वामी तुलसीदास की जयंती श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। जगतगुरु उत्तराखंड पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णाचार्य महाराज की अध्यक्षता में चल रहे कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि तुलसीदास ने रामायण न लिखी होती तो संसार में ना ही राम की भक्ति होती और ना ही धर्म का जागरण होता।
मालवीय मार्ग स्थित तुलसी मानस मंदिर में आयोजित समापन कार्यक्रम गोस्वामी तुलसीदास को याद किया गया। श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हरी चेतनानंद ने रामचरितमानस को महान ग्रंथ और भक्ति का सागर बताया। उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उनके चरित्र को आत्मसात करने का आवाहन किया।
इस मौके पर यज्ञ का भी आयोजन किया गया, जिसमें यज्ञ की पूर्णाहुति में सैकड़ो श्रद्धालु ने अपनी आहुतियां डाली।
महंत रवि प्रपन्नाचार्य की ओर से संचालित कार्यक्रम में समिति के संस्थापक ब्रह्मलीन संत गोपालाचार्य शास्त्री महाराज को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास,श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य,महामंडलेश्वर वृंदावन दास,आचार्य दीपक बधानी,आचार्य सतीश घिल्डियाल,महामंडलेश्वर विष्णु दास,महामंडलेश्वर दुर्गा दास,महंत सूरज दास, महंत दिनेश दास, महंत सुतीक्ष्ण मुनि,महंत प्रह्लाद महंत बलबीर सिंह, वचन पोखरियाल,निवृत्तमान महापौर ऋषिकेश अनीता ममंगाई, महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल बंशीधर पोखरियाल, राजीव मोहन, राघवेंद्र मोहन,हर्षवर्धन शर्मा,चंद्रवीर अभिषेक शर्मा, कैलाश चंद भट्ट,अशोक अरोड़ा,सरोज डिमरी, कपिल गुप्ता, मनोज ध्यानी ने सभी संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया।