



– लंबी रेस का घोड़ा बनना है तोओलंपिक 2036 की तैयारी के लिए आज से ही करनी होगी तैयारी
ब्यूरो,ऋषिकेश
ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीतने वाले पहलवान पदम श्री योगेश्वर दत्त की इच्छा उत्तराखंड में पहलवानों के लिए कुछ करने की है। वह चाहते हैं कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र से भी खिलाड़ी ओलंपिक में प्रतिभा करें। उन्होंने कहा कि लंबी रेस का घोड़ा बनना है तो हमें ओलंपिक 2036 के लिए अभी से तैयारी करनी होगी। उत्तराखंड में सरकार चाहे तो वह अपनी अकादमी के माध्यम से यहां भी खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए तैयार हैं।
पद्मश्री सम्मानित और ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने ऋषिकेश में आयोजित चार दिवसीय द ग्रेट गंगा योग रिट्रीट में भाग लिया। यह विशेष योग रिट्रीट अनिरुद्ध पोखरियाल द्वारा संचालित किया गया, जिसमें योग, ध्यान और मानसिक शुद्धि पर विशेष ध्यान दिया गया। रविवार को होटल वसुंधरा में पत्रकारों के साथ बातचीत में योगेश्वर दत्त ने कहा कि आज के समय में योग और ध्यान न केवल शारीरिक लाभ देते हैं, बल्कि बच्चों और युवाओं के चरित्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने उत्तराखंड के बच्चों से अधिक संख्या में कुश्ती जैसे खेलों में भाग लेने का आग्रह किया।
योगेश्वर दत्त ने यह भी साझा किया कि वे हरियाणा में एक सफल कुश्ती अकादमी चलाते हैं, जहां वे आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निःशुल्क प्रशिक्षण देकर उन्हें एक उज्ज्वल भविष्य की ओर प्रेरित करते हैं।
उन्होंने कहा, उत्तराखंड के युवाओं में अपार क्षमता है। यदि उन्हें सही दिशा, अनुशासन और योग का साथ मिले, तो वे जीवन में बहुत आगे बढ़ सकते हैं। मैं सभी बच्चों से अपील करता हूं कि वे नशे से दूर रहें और खेलों में भाग लें। विशेषकर कुश्ती में, जो उन्हें शक्ति और आत्म-संयम सिखाता है। योगेश्वर दत्त ने अनिरुद्ध पोखरियाल के इस पहल की सराहना की और कहा कि वे उत्तराखंड के युवाओं को अपने प्रशिक्षण केंद्र में आमंत्रित कर, उन्हें पेशेवर स्तर पर कुश्ती सिखाना चाहेंगे।
ओलंपियन योगेश्वर दत्त ने कहा उत्तराखंड में भी इस तरह के खेलों का एक अच्छा केंद्र बनाने की जरूरत है। राज्य सरकार को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए। उत्तराखंड में कबड्डी, कुश्ती, भाला फेंक, बैडमिंटन, बॉक्सिंग इन सभी की अपार संभावना है। देश के भीतर इस क्षेत्र में मेडल लाने वाले चैंपियन प्रशिक्षण में मदद कर सकते हैं। इस दौरान मेजर डॉ अभिनव असवाल, समाजसेवी चंद्रवीर पोखरियाल मौजूद रहे।


