



ऋषिकेश: ऋषिकेश के जीवनी माई मार्ग निवासी 87 वर्षीय श्रीमती संतोष गुप्ता अब इस दुनिया में नहीं रहीं, लेकिन उनके परिजनों द्वारा कराए गए नेत्रदान के पुनीत कार्य से उनकी आंखें अब भी जीवित हैं और किसी जरूरतमंद को रोशनी देने का कार्य करेंगी।
लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के चार्टर अध्यक्ष व नेत्रदान कार्यकर्ता गोपाल नारंग ने बताया कि बुधवार प्रातः धर्मपरायण एवं मां गंगा में अटूट आस्था रखने वाली संतोष गुप्ता का निधन हो गया। इस दुखद समय में भी उनके पुत्र राजेंद्र गुप्ता और सुनील गुप्ता ने धैर्यपूर्वक नेत्रदान का निर्णय लिया।
उन्होंने इस निर्णय की जानकारी शोक प्रकट करने आए उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्री ललित मोहन मिश्रा को दी। जिनकी सूचना पर एम्स अस्पताल ऋषिकेश की नेत्रदान टीम, जिसमें डॉ. कामना और श्री संदीप गुसाईं शामिल थे, श्रीमती गुप्ता के निवास पर पहुंची और उनके दोनों नेत्र (कॉर्निया) सुरक्षित रूप से प्राप्त किए।
लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के जनसंपर्क अधिकारी मन मोहन भोला के अनुसार यह मिशन का 399वां सफल प्रयास है और यह नेक कार्य निरंतर जारी रहेगा।


