



– उत्तराखंड के चार मेडिकल कॉलेज से शामिल हुए 121 प्रतिभागी
ऋषिकेश:
हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज जौलीग्रांट में गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस एंड एथिक्स पर पांच सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है। जिसका उद्देश्य उत्तराखंड के चिकित्सा संस्थानों में संकाय सदस्यों और अनुसंधान नैतिकता समितियों की नैतिक क्षमता को मजबूत करना है।
एसआरएचयू के हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एवं स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। डॉ. बीसी रॉय सभागार में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि एनजेआईएलओएमडी, आईसीएमआर से डॉ. किरन कटोच और एसआरएचयू के कुलपति डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने किया। उन्होेंने प्रतिभागियों से कार्यशाला में सीखे गये ज्ञान को व्यवहारिकता में लाने की बात कही। इस दौरान मुख्य वक्ता डॉ. विकास धीमान, डॉ. अभिषेक त्यागी, डॉ. मोनिका बहल, डॉ. पूजा नागपाल ने प्रतिभागियों को अनुसंधान नैतिकता के मौलिक सिद्धांत, नैतिकता समितियों की भूमिका और जिम्मेदारियाँ, जी.सी.पी. मानकों का कार्यान्वयन, नैदानिक परीक्षणों में नैतिक निर्णय लेना और दुविधाओं का प्रबंधन के विषय में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. निक्कू यादव ने बताया कि उत्तराखंड के चार मेडिकल कॉलेज से 121 प्रतिभागी इस कार्यशाला में शामिल हुए। इस अवसर पर डीन मेडिकल कॉलेज ले.ज. डॉ. दलजीत सिंह, महानिदेशक शैक्षणिक विकास डॉ. विजेन्द्र चौहान, डॉ. बिंदू डे, डॉ. प्रदीप वार्ष्णेय, डॉ. योगेन्द्र सिंह, डॉ. निक्कू यादव, डॉ. रूचि जुयाल, डॉ. मनीषा शर्मा, अभिनव, आंकांक्षा, जागृति, पूजा उपस्थित थे।


