




✍🏻 अंधेरी रात और खतरनाक जंगल की चुनौतियों को एसडीआरएफ और वन विभाग में स्वीकार किया
ब्यूरो, ऋषिकेश
मेरठ के परतापुर से श्री नीलकंठ महादेव मंदिर घूमने आए तीन युवक राजा जी टाइगर रिजर्व के जंगल में रास्ता भटक गए। अंधेरी रात और घना जंगल होने के कारण किसी तरह से एसडीआरएफ की टीम ने इनकी लोकेशन का पता किया और उनका सफल रेस्क्यू कर इन्हें खतरनाक जंगल से बाहर निकाला।
एसडीआरएफ के निरीक्षक कविंद्र सजवाण ने बताया कि रविवार की रात एसडीआरएफ ढालवाला को सूचना मिली कि नीलकंठ मंदिर मार्ग पर तीन लोग रास्ता भटक कर जंगल की और निकल गए हैं। उनकी कहीं लोकेशन नहीं मिल रही है। यह समूचे क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है। इसमें बहुतायात में वन्य जीव हैं और इसे खतरनाक इलाका माना जाता है।
सूचना मिलने के बाद एसडीआरएफ की विशेष टीम ने पशु लोक बैराज पहुंचकर वन विभाग की टीम के साथ समन्वय किया और हालात का गहन आकलन करते हुए संयुक्त रणनीति बनाई गई। एसडीआरएफ ने वन विभाग के साथ रेस्क्यू की चुनौती को स्वीकार किया।
खतरनाक जंगल में रेस्क्यू के दौरान हाथियों की चिंघाराने की गूंज हालत को और भयावह बना रही थी। टीम के सदस्य वास्तविक रास्ते से ना जाकर कंटीली झाड़ियां और पथरीले ढलान वाले रास्ते से होकर आगे बड़ी। लगभग चार घंटे तक कठिन और जोखिम भरे सर्च अभियान के बाद संयुक्त टीम ने घने जंगल में फंसे तीनों युवकों को सकुशल बाहर निकाला।
रेस्क्यू किए गए लोगों में हर्ष पुत्र अरविंद कुलदीप पुत्र जसविंदर निखिल वर्मा पुत्र दिनेश शर्मा सभी निवासी परतापुर मेरठ उत्तर प्रदेश शामिल है। विभाग की टीम में उप निरीक्षक पंकज खरोला, अनूप रावत, रमेश चंद्र भट्ट, बलिराम शर्मा, अमित सैनी आदि शामिल रहे।

