




ऋषिकेश,उत्तराखंड:
डोईवाला– स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू), जौलीग्रांट परिसर में हिमालयन रिक्रेएशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट (एचआरडब्लयूटी) द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव का शुभारंभ आज माँ दुर्गा की भव्य की आरती के साथ हुआ।
टीएचडीसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एल पी जोशी व विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर आरती संपन्न की। इस अवसर पर संपूर्ण परिसर भक्ति और अध्यात्म की भावना से गूंज उठा।
आज के मंचन में अहिरावण वध, मेघनाथ वध और रावण वध के प्रसंगों का सजीव चित्रण किया गया, जिसने दर्शकों को गहराई से रोमांचित कर दिया। रामायण के इन प्रसंगों में जहां अहिरावण वध ने मर्यादा और धर्म की रक्षा का संदेश दिया, वहीं मेघनाथ वध ने पराक्रम और वीरता की चरम सीमा को प्रस्तुत किया। अंत में रावण वध के साथ अधर्म पर धर्म की विजय का दिव्य संदेश दिया गया। पूरे परिसर में ‘जय श्री राम’ के उद्घोष गूंज उठे और वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।
रामलीला के सभी पात्रों की भूमिका विश्वविद्यालय के स्टाफ और छात्र-छात्राओं ने निभाई। उनके जीवंत और भावनात्मक अभिनय ने भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और परंपराओं का सशक्त चित्रण किया। नाट्य मंचन के दौरान संवादों और प्रसंगों की प्रभावशाली प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि डिजिटल स्क्रीन और आधुनिक साउंड सिस्टम ने रामलीला के मंचन को और भी जीवंत व मनमोहक बना दिया। तकनीक और परंपरा के इस सुंदर संगम ने दर्शकों को ऐसा अनुभव कराया मानो वे स्वयं उस युग के साक्षी हों।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षकगण, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं एवं बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। दर्शकों ने इस भव्य मंचन की सराहना करते हुए आयोजकों का उत्साहवर्धन किया। आयोजन को सफल बनाने में एचआरडब्लयूटी की टीम ने समर्पित भाव से योगदान दिया।
एचआरडब्लयूटी के सचिव रूपेश महरोत्रा ने बताया कि कल (गुरुवार) विजयदशमी पर्व के उपलक्ष्य में पुतला दहन किया जाएगा। इसके उपरांत राज्याभिषेक प्रसंग के अंतर्गत भगवान श्रीराम का राजतिलक होगा, जो इस रामलीला महोत्सव का भव्य समापन होगा।
सम्मान और सम्बोधन
कार्यक्रम के दौरान डॉ. विजय धस्माना ने मुख्य अतिथि एल.पी. जोशी को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर श्री जोशी ने भी आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि रामलीला केवल एक सांस्कृतिक मंचन नहीं, बल्कि यह भारत की मूल आत्मा से जुड़ा जीवंत चित्र है। यहाँ छात्रों और स्टाफ ने जिस समर्पण, भावनात्मकता और तकनीकी कुशलता के साथ प्रस्तुति दी है, वह सराहनीय है।”
उन्होंने रामलीला के सफल संचालन में सहयोग दे रहे मेकअप आर्टिस्ट, साउंड सिस्टम तकनीशियन तथा बैकस्टेज टीम को भी मंच पर बुलाकर सम्मानित किया और उनके योगदान की सराहना की।

