
– हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में विश्व इमरजेंसी मेडिसिन दिवस सेमिनार आयोजित
जनवाणी ब्यूरो, ऋषिकेश
‘विश्व इमरजेंसी मेडिसिन दिवस’ के उपलक्ष्य में हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में सेमिनार आयोजित किया गया। इसमें वक्ताओं ने कहा कि समय के साथ हो रही जलवायु परिवर्तन भी एक स्वास्थ्य आपातकाल है।
सोमवार को हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की ओर से सेमिनार आयोजित किया गया। उपमुख्य चिकित्साधीक्षक डा. डीसी जोशी ने बताया कि इमरजेंसी मेडिसिन दिवस की शुरुआत यूरोपियन सोसाइटी फार इमरजेंसी मेडिसिन द्वारा की गई थी।
इमरजेंसी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा. रेशमा कौशिक ने कहा कि जलवायु परिवर्तन भी एक स्वास्थ्य आपातकाल है। इसी थीम को लेकर इस साल यह दिवस मनाया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार, जलवायु परिवर्तन वर्तमान में मानवता के लिए सबसे बड़ा स्वास्थ्य खतरा है। जलवायु परिवर्तन लोगों के स्वास्थ्य को विभिन्न तरीकों से प्रभावित कर रहा है। जिसमें लगातार बढ़ती मौसम की घटनाओं, जैसे कि हीटवेव, तूफान और बाढ़, खाद्य प्रणालियों में व्यवधान, जल और वेक्टर जनित बीमारियों में वृद्धि और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मृत्यु और बीमारी को बढ़ावा देना शामिल है। इस दौरान एक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें मेडिकल के 45 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इसमें मार्टिन एंड टीम क्विज प्रतियोगिता की विजेता रही। इस अवसर पर डा. मुक्ता सिंह, डा. रूबी कटारिया, डा. कोमल ठाकुर, डा. हिमांशी वैद्य शामिल रहे।
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एम्स में भी आयोजित हुआ कार्यक्रम
एम्स ऋषिकेश के आपातकाल चिकित्सा विभाग के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय आपातकाल चिकित्सा दिवस मनाया गया। सोमवार को संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डा. )मीनू सिंह के मार्गदर्शन में आपात चिकित्सा विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के फैकल्टी सदस्यों, चिकित्सकों, नर्सिंग आफिसर व स्टाफ सदस्यों ने प्रतिभाग किया। इनमें कार्यवाहक डीन (एकेडमिक) प्रोफेसर शैलेंद्र हांडू, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल, इमरजेंसी विभागाध्यक्ष डा. निधि कैले, आपातकाल चिकित्सा की सह आचार्य डा. पूनम अरोड़ा प्रमुखरूप से शामिल रहे।