– 73 हजार पौधों के रोपण और दिव्यांगता मुक्त भारत का महासंकल्प
ब्यूरो,ऋषिकेश
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के 73 वां जन्मदिवस परमार्थ निकेतन में बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर हरित जन्मोत्सव-पर्यावरण सेवा महोत्सव का आयोजन किया गया। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने इस अवसर पर अंग दान का संकल्प लेते हुए कहा कि इस पावन मौके पर हम 73 हजार पौधे लगाने का भी महासंकल्प लेते हैं।
इस अवसर पर परमार्थ निकेतन परिवार की ओर से पर्यावरण को समर्पित कई नूतन पहल के शुभारम्भ के साथ आगामी सेवा पहलों यथा दिव्यांगता मुक्त भारत, गंगा योग, गंगा कथा, परमार्थ त्रिवेणी पुष्प, प्रयागराज, मनसून कांवड़ मेला पौधारोपण आदि कई पर्यावरण व मानवता को समर्पित योजनाओं की घोषणायें भी की।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा स्वामी चिदानंद का यह जन्मदिवस अपने संकल्पों का उत्सव मनाने का एक अवसर है। भारत की सांस्कृतिक विरासत का सबसे बड़ा आदर्श एकात्मता है। दुनिया में संस्कृतियां रंग, भाषा, आस्था की परम्परा से बनी है। आदिगुरू शंकराचार्य जी ने मठों के द्वारा एकता की स्थापना की और चारों वेदों से एक-एक महावाक्य निकालकर उन चारों मठों को दिया।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि यह प्राकट्य महोत्सव नहीं बल्कि पर्यावरण सेवा महोत्सव है। यह पूरा जीवन पर्यावरण, प्रकृति, धरती माता, गंगा जी सहित सम्पूर्ण मानवता को समर्पित है। हमारा सौभाग्य है कि परमात्मा ने हमें इस दिव्य भारत भूमि पर जन्म दिया। उन्होंने कहा सनातन है तो नेचर है, सनातन है तो कल्चर है और सनातन है तो फ्यूचर है।
परमार्थ निकेतन के महामंडलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती ने कहा स्वामी चिदानंद की सेवा में अद्भुत रूचि है, वे समाज व देश के लिये अत्यंत उपयोगी है। परमार्थ निकेतन संस्था पूरे देश का एक मूर्धन्य स्थान है। जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने कहा कि स्वामी चिदानन्द सरस्वती पर्यावरण संरक्षण की प्रेरक विभूति हैं।
योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा ग्रीन व क्लीन अर्थ के पीछे समर्थ भारत और समृद्ध भारत का दर्शन है। स्वामी चिदानंद का जीवन गंगा के प्रवाह की तरह सभी के लिये निर्मल और सहज है।
इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द, म म स्वामी हरिचेतनानन्द, स्वामी हठयोगी, संत श्री मुरलीधर. डा. साध्वी भगवती सरस्वती, महा मंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास,कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, मेदांता के प्रोफेसर डा. अरविंद कुमार, स्वामी दुर्गादास, स्वामी जयंतानन्द सरस्वती, स्वामी रामानुजाचार्य, स्वामी ऋषिश्वरानन्द, साध्वी आभा सरस्वती, महंत रवि प्रपन्नाचार्य, स्वामी कृष्णाचार्य, स्वामी केशवानन्द, स्वामी सनातन तीर्थ, स्वामी गंगेश्वरानन्द आदि मौजूद रहे।
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September 17, 2024