– श्री भरत मंदिर संस्कृत महाविद्यालय के ऋषिकुमारों ने वेदमंत्रों से किया स्वागत
ऋषिकेश: त्रिदंडी श्रीमन नारायण रामानुज स्वामी जियर स्वामी जिन्हें चिन्न जीयर स्वामी के नाम से भी जाना जाता है, मंगलवार को श्री बद्रीनाथ धाम से दर्शन करने के बाद हृषिकेश पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने श्री भरत मंदिर में हृषिकेश नारायण भरत भगवान के दर्शन किए।
तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने बताया कि श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपंचाचार्य महाराज द्वारा उत्तरीय व पुष्पहार और भारत भगवान का स्मृति चिन्ह बैठकर उनका स्वागत अभिनंदन किया और आशीर्वाद ग्रहण किया उनको पौराणिक पांचवी सदी के शिलालेख भी दिखाएं और साथ ही जानकारी दी यहां म्यूजियम में प्राचीन मूर्तियां शिलालेख रखी गई है। इस दौरान स्वामी जी ने दर्शन करने के बाद काफी खुश दिखे और उन्होंने कहा कि मैंने काफी सुना था श्री भरत मंदिर के बारे में, आज यहां दर्शन करने का अवसर प्राप्त हुआ और मुझे खुशी हो रही है कि धरोहर को आप लोगों ने बचा के रखा हुआ है, यह शुभ संकेत है ।
इस दौरान उनके साथ भरत मंदिर समिति सोसाइटी प्रबंधक हर्षवर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, संस्कृत विद्यालय के प्रधानाचार्य भास्कर आदि लोग मौजूद रहे।
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स्वामी जी के बारे में
वर्तमान समय में हुए श्री वैष्णव संप्रदाय के प्रचारक और दक्षिण भारतीय संत सन्यासी हैं। उन्होंने भारत नेपाल से लेकर विदेश तक वैष्णो धाम का प्रचार किया और वैदिक संस्कृत गुरुकुलों का संचालन भी किया है। वह रामानुजाचार्य द्वारा प्रतिपादित विशिष्टाद्वैत दर्शन का अनुसरण करते हैं। वह भगवान विष्णु के आराधक हैं स्वामी जी के अनेक भाषा के प्रकार वक्ता एवं संस्कृत भाषा के विद्वान हैं।