वैदिक ब्राह्मण सभा (पंजी.) ऋषिकेश का एक दिवसीय वार्षिक सम्मेलन
संवाददाता, ऋषिकेश:
वैदिक ब्राह्मण सभा ( पंजी ) ऋषिकेश का एक दिवसीय वार्षिक सम्मेलन बड़े हषोल्लास के साथ जयराम आश्रम ऋषिकेश में आयोजित हुआ। प्रमुख वक्ताओं ने कहा कि संस्कृति के साथ संस्कृत का संरक्षण करना ब्राह्मण समाज का मुख्य दायित्व है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व संस्कृत शिक्षा निदेशक शिव प्रसाद खाली एवम विशिष्ट अतिथि के रूप में ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम महाराज के कृपापात्र केशव स्वरूप ब्रह्मचारी नगर निगम ऋषिकेश की निवर्तमान महापौर अनिता ममगाई, वरिष्ट कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला, पंजाब सिंध क्षेत्र साधु महा विद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार शुक्ला, मदन मोहन शर्मा, महंत श्री रवि प्रपन्नाचार्य एवम नगर के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे अतिथियों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलिन कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विरक्त वैष्णव मंडल के अध्यक्ष महामंडलेश्वर दयाराम दास ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ साथ शास्त्रों एवं पुराणों की जननी भी है। इसलिए उत्तराखंड के ब्राह्मणों का यह दायित्व भी है की संस्कृति के साथ संस्कृत का भी संरक्षण और संवर्धन पूर्ण सजगता से करे। ताकि शास्त्र रक्षा भी सतत होती रहे।
कार्यक्रम में ब्राह्मण सभा के महामंत्री महेश चमोली ने सभा के समस्त क्रियाकलाप एवम कार्ययोजना को समस्त ब्राह्मणों के समक्ष रखा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व संस्कृत शिक्षा निदेशक शिव प्रसाद खाली ने कहा कि ब्राह्मण समाज का चालक है यदि चालक सजग होगा तो निश्चित रूप से समाज को सही मार्गदर्शन मिलेगा। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ जनार्दन कैरवान ने कहा आज समाज में शास्त्रों के ज्ञान को तोड़ मरोड़ कर विभिन्न मंचों से परोसा जा रहा है जो की समाज के लिए उचित नहीं है अतः ब्राह्मण स्वयं उत्तम शास्त्र ज्ञान लेकर समाज का मार्ग दर्शन करना अपना दायित्व समझकर समाज में अपनी भूमिका निभाए।
कार्यक्रम में ब्राह्मण सभा के समस्त कार्यकर्ता एवम पदाधिकारियों सहित नगर के समस्त ब्राह्मण उपस्थित रहे। जिसमे ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष मणिराम पैन्यूली, महामंत्री महेश चमोली, कोषाध्यक्ष शिव सेमवाल, उपाध्यक्ष, शिव प्रसाद नौटियाल, जगमोहन मिश्रा, जयराम संस्कृत विद्यालय के प्रधानाचार्य विजय जुगलान,नवीन भट्ट, डा. दयाकृष्ण लेखक ,विनायक भट्ट,शान्ति मैठाणी, हर्षानंद उनियाल,विपिन बहुगुणा,रूपेश जोशी ,मनोज चमोली, गिरीश कोठियाल, मयंक चमोली, देवेंद्र उनियाल, भानु प्रकाश उनियाल, सूर्य प्रकाश रतूड़ी, राजेश बहुगुणा, प्रकाश सेमवाल, रामकृष्ण कोठियाल, नरेंद्र सकलानी, सूरज बिजलवान, पुरुषोत्तम कोठारी,ज्योति प्रकाश,राकेश बहुगुणा, मोहित भट्ट, विवेक चमोली, चिंतामणि केमनी, नागेंद्र भद्री, उमादत्त अंथवाल, मोहन भट्ट, हर्षमणि नोटियाल, जगदीश जोशी, सुनील थपलियाल, रमा वल्लभ भट्ट, आशाराम व्यास, जयकृष्ण अंथवाल, सोमनाथ नौटियाल, सुरेश भट्ट आदि उपस्थित रहे।