– गलत तथ्य प्रस्तुत करने और चेयरमैन की अनुमति के बिना नियुक्ति पाने का आरोप
गोरखपुर: पूर्व में एम्स ऋषिकेश में तैनाती पाने वाले प्रोफेसर कुमार सतीश रवि को एम्स गोरखपुर में एनाटॉमी (शरीर रचना) विभाग में प्रोफेसर बनाया गया था। गोरखपुर एम्स की जनरल बॉडी और इंस्टिट्यूट बॉडी (जीबी-आईबी) ने प्रोफेसर कुमार सतीश रवि को गलत तथ्यों और बिना अध्यक्ष की अनुमति नियुक्ति पाने के आरोप में पद से बर्खास्त कर दिया है। प्रोफेसर कुमार सतीश को पूर्व की नियुक्ति वाले एम्स ऋषिकेश में वापस नहीं भेजा जाएगा। अब एम्स गोरखपुर प्रशासन उनके विरुद्ध प्राथमिक दर्ज करने की तैयारी में है। जांच अगर आगे बढ़ती है तो एम्स गोरखपुर की तत्कालीन कार्यकारी निदेशक और कुमार सतीश को ऋषिकेश में तैनाती देने वाले पूर्व में तैनात दो निर्देशक भी फंस सकते हैं।
11 फरवरी 2023 को डॉ कुमार सतीश रवि ने एम्स गोरखपुर में प्रोफेसर पद के लिए साक्षात कर दिया था। मार्च 2023 को उनका चयन किया गया। उनके चयन को जानकारी होने के बाद कुछ लोगों ने अध्यक्ष देश दीपक वर्मा से शिकायत की थी। अध्यक्ष ने तत्काल जांच शुरू कर दी। उन्होंने 29 मार्च 2023 को तत्कालीन कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर सुरेखा किशोर को मेल कर प्रोफेसर कुमार सतीश की नियुक्ति का प्रस्ताव रोकने को कहा, लेकिन इन निर्देशों को अनसुना कर दिया। 1 अप्रैल 2023 को उन्हें नियुक्त कर एनाटॉमी का विभागाध्यक्ष बना दिया गया। हालांकि नियुक्ति के समय यह शर्त थी कि प्रोफेसर कुमार सतीश की ओर से कोई भी घोषणा या जानकारी झूठी पाई जाती है या उन्होंने जानबूझकर कोई महत्वपूर्ण जानकारी छुपाई है तो उन्हें सेवाओं से हटाया जा सकता है।
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एम्स गोरखपुर की दो कमेटी ने मुझे क्लीन चिट दी थी, उनकी रिपोर्ट को दबा दिया गया है। मैंने डॉ अशोक प्रसाद की सच्चाई उजागर की तो उन्होंने यह साजिश की। इस मामले में मेरा पक्ष नहीं लिया गया, ना ही मुझे कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। एम्स ऋषिकेश की नियुक्ति सही है, कोर्ट ने भी इसे अनुमोदित किया था। मैं इस मामले में कोर्ट की शरण लूंगा।
प्रो. कुमार सतीश रवि
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-: हरीश तिवारी