– गांधी जयंती को खाराखेत वासियों के साथ मनाने वाले पहले डीएम बने सविन बंसल
देहरादून: प्राकृतिक सौंदर्य के बीच जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल ने ऐतिहासिक महत्वपूर्ण विरासत स्थल पर बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों, पर्यावरण विशेषज्ञों और विरासत विशेषज्ञों सहित युवाओं के बीच जन संवाद के माध्यम से स्वच्छता तथा जल संरक्षण का संकल्प लिया। सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने इस स्थान पर ‘नून’ से नमक आन्दोलन का नेतृत्व किया था।
खाराखेत में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने 1930 को ‘नून’ नदी के पानी से नमक बनाकर अंग्रेजों की नीतियों के विरुद्ध आवाज उठाई थी। जिलाधिकारी ने उस स्थान का भी निरीक्षण किया जहां पर स्वतंत्रता सग्राम सैनानियों ने नमक बनाया था, जिलाधिकारी ने ‘नून’ नदी से जलभरकर स्वतत्रंता आन्दोलन की याद दिलाई। जिलाधिकारी ने कहा आज हम एक महत्वपूर्ण विरासत स्थल पर एकत्रित हुए हैं। ‘खारा खेत’ में वर्ष 1930 में देहरादून के स्वतंत्रता सेनानियों ने स्थानीय ‘नदी’ में नमक बनाकर अंग्रेजों के नमक कानून का विरोध किया और उस नमक को देहरादून के ‘टाउन हॉल’ में विक्रय किया। आज हम नगर के बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों, पर्यावरण विशेषज्ञों और विरासत विशेषज्ञों सहित युवाओं के समूह के साथ इस स्थल पर जन संवाद के माध्यम से स्वच्छता तथा जल संरक्षण का संकल्प लेते हुए उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने इस स्थान पर स्वतंत्रता के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया।
उन्होंने कहा कि विगत दिनों पहाड़ी पेडलर्स के युवाओं द्वारा ऐतिहासिक स्थलों के साथ-साथ प्राकृतिक जल स्रोतों को चिन्हित करते हुए उनकी स्वच्छता और संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन निरंतर सहयोग प्रदान करेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि सामाजिक संगठन, युवाओं स्कूल के बच्चों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ इस ऐतिहासिक स्थल पर उपस्थित रहने का एक ही उद्देश्य है कि यहां अपनी ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक विरासत के साथ ही प्राकृतिक संसाधनों एवं जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु जनमानस तक एक संदेश जा सके। स्वच्छता जल संरक्षण ऐतिहासिक स्थलों का संवर्धन एवं संरक्षण आर्थिक प्रगति के साथ-साथ इनको भी संरक्षित रखना एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। इस दौरान जिलाधिकारी ने स्थानीय लोगों की मांग पर खाराखेत में हेरिटेज पर्यटन दृष्टिकोण से विकसित करने की मांग पर उक्त स्थल पर बैठने, संवाद हेतु निर्माण एवं जल संयोजन हेतु मोके पर स्वीकृति दी तथा पत्रावली प्रस्तुत करने के निर्देश सीडीओ को दिए।
पर्यावरण विशेषज्ञ पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने कहा कि खारा खेत स्थल समूचे भारत वर्ष के लिए एक ऐतिहासिक स्थल और धरोहर है। यह वह स्थान है जो हमें स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की याद दिलाता है। आज यह ऐतिहासिक स्थल यूँ ही वीरानियों में गुमनाम हो गया है। हमें मिलकर इसे इसकी खोई पहचान और गरिमा लौटानी होगी।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय जैन, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ निधि रावत, विरासत विशेषज्ञ डॉ लोकेश ओहरी, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, स्थानीय ग्राम प्रधान कार्यक्रम में स्थानीय ग्राम समुदाय, बीटीडीटी,अक्शी पर्वतीय विकास समिति, पहाड़ी पेडलर्स, न्यू विजन, सेर सलीका,जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग इत्यादि द्वारा भारी संख्या में प्रतिभाग किया गया।