
ब्यूरो,ऋषिकेश:
उत्तराखण्ड जन विकास मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने आरोप लगाया कि उत्तराखण्ड वित्तीय नियम में उल्लेखित प्रावधानों के विरुद्ध जाकर नगर निगम ऋषिकेश ने 70 वाट की आवश्यकता से अधिक मात्र में 1.31 करोड़ रुपये की विद्युत लाइटों की खरीद कर अनियमितता की है। ऑडिट रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
ऋषिकेश प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने बताया कि नियम के अनुसार 2-5 लाख से अधिक मूल्य की सामग्री का क्रय एवं 25 लाख रुपये के निर्माण कार्य ई- प्रोक्योरमेंट के माध्यम से ही होनी चाहिए। नगर निगम ऋषिकेश की लेखा परीक्षण में पाया गया है कि 3000 लाईट जिसका मूल्य 1.30 करोड़ था, जिसको फाइनेन्शियल बिड खोले बिना एक ही निविदादाता सहारनपुर की फर्म को एल -1 मानकर कार्यादेश जारी किया गया। जिसमें गुणवत्ता की अवहेलना की गई और अनब्रांडेड सामग्री का क्रय किया गया। जबकि अन्य ब्रांडेड कंपनियों की सामग्री इससे कम मूल्य पर उपलब्ध थी।
मंच अध्यक्ष के अनुसार ऑडिट रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि पूर्व में गंगोह, सहारनपुर की कम्पनी से भी 5000 अनब्र्राण्डेड लाईट खरीदी गयी। उक्त दोनों फर्मों के प्रोपराइटर एक ही हैं तथा नगर निगम द्वारा अनब्राण्डेड लाइटों का क्रय करके लोकधन का दुरुपयोग किया गया।
मंच अध्यक्ष शर्मा ने कहा ऋषिकेश के विकास में लगने वाला धन बाहरी राज्य की फर्मों को देना एक प्रकार से खुली लूट है। जिसका उत्तराखण्ड विकास मंच विरोध करता है तथा सरकार से मांग करता है कि दोषियों से मय ब्याज सहित वसूली कर इन पर उचित कानूनी कार्यवाही करें। इस मौके पर सुधीर राय, रुकम पोखरियाल आदि मौजूद रहे