तीर्थ नगरी में धूमधाम से मनाया गया गोवर्धन पूजा महोत्सव
ब्यूरो,ऋषिकेश:
गोवर्धन पूजा महोत्सव के मौके पर श्री जयराम आश्रम में भगवान गोवर्धन की विधिवत पूजा अर्चना करते हुए 56 भोग लगाया गया। जयराम आश्रम के अध्यक्ष ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि गोवर्धन पूजा महोत्सव प्रकृति की पूजा है,गौ माता की पूजा है और यह पर्व पर्यावरण और गौ रक्षा का संदेश देता है।
आश्रम परिसर में आयोजित कार्यक्रम में ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा भगवान श्री कृष्ण को गोपियों यानी कन्या रूपी देवी और गौमाता काफी प्रिय है। आज देश में दोनों ही सुरक्षित नहीं है। बेटी मां के रूप में संस्कारों का सृजन करती है। कन्या भ्रूण हत्या के कारण आज हमारी यह शक्ति संकट में है। उन्होंने कहा कि देश के भीतर गोवंश पर संकट मंडरा रहा है। देश में आपदा आ रही है, पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। इस सब के कारण हम स्वयं है।
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का शाश्वत संदेश है कि अहंकार और घमंड के साथ कभी भी विजय प्राप्त नहीं हो सकती। सच्ची विजय तो श्रद्धा, विनम्रता और दिव्य शक्ति के प्रति समर्पण से ही प्राप्त होती है।
इस अवसर पर हरि सेवा आश्रम हरिद्वार के महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद महाराज, निवर्तमान महापौर अनिता ममगाईं, पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक डा. एनपी महेश्वरी, गंगाराम आडवाणी, हर्षवर्धन शर्मा पूर्व पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा, आचार्य मायाराम रतूड़ी, अशोक अग्रवाल, मदन मोहन शर्मा, राजपाल खरोला, जयेंद्र रमोला, शैलेंद्र बिष्ट, मनीष शर्मा, आवेश आडवाणी, प्रदीप शर्मा, मनोरंजन देवरानी, मधुसूदन शर्मा, मुकुल शर्मा, मुनीष शर्मा, सुरेंद्र गैरोला आदि मौजूद रहे।
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गोवर्द्धन पूजा, अहंकार पर आस्था की विजय की प्रतीक
परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में गोवर्धन पूजा का उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस पावन अवसर पर, परमार्थ निकेतन में स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती के सान्निध्य में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया, जिसमें देश-विदेश से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सहभाग किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि गोवर्धन पूजा का उत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि यह पर्यावरण, सामाजिक एकता, संस्कृति और परंपराओं का भी प्रतीक है। भगवान श्री कृष्ण ने हमें अपने समाज, पर्यावरण और संस्कृति का सम्मान करने और उन्हें सहेजने का भी संदेश दिया।
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इंद्रदेव के घमंड को चूर किया भगवान ने
शीशम झाड़ी मुनिकीरेती स्थित ईश्वर आश्रम में महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वर दास महाराज के सानिध्य में गोवर्धन पूजा महोत्सव श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने यहां भोग प्रसाद प्राप्त किया। महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर यह संदेश दिया कि हमें प्रकृति, पर्यावरण, संस्कृति और सनातन धर्म की रक्षा के लिये सदैव तत्पर रहना चाहिये। यह पर्व जीवन में सच्चाई, सरलता, सहजता और सौम्यता का संदेश देता है।
श्री राजीव लोचन आश्रम ऋषिकेश में भी भगवान श्री कृष्ण को छप्पन भोग प्रसाद चढ़ाया गया। स्वामी हयग्रीवाचार्य महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर संदेश दिया अहंकार और घमंड किसी का भी हो, वह अंततः टूटता ही है। उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर इन्द्र के घमंड को चकनाचूर कर दिया। साथ ही हमें प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सम्मान का मंत्र दिया और कहा कि प्रकृति के संरक्षण में ही संस्कृति और संतति का संरक्षण है। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल राम चौबे, अभिषेक शर्मा, अमित सिंह, संदीप गुप्ता, कृष्ण कुमार सिंघल, गोविंद अग्रवाल, अनिल कुमार शुक्ला, गिरीश चंद्र शर्मा, राजेंद्र रैना, चंद्रवीर शुक्ला आदि मौजूद रहे।
गोबर्धन पूजा में नि. महापौर अनिता ममगाईं ने इस पावन पर्व पर बिभिन्न मंदिरों और आश्रमों में जाकर गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना की और आशीर्वाद लिया। सबसे पहले वे दंडी वाड़ा आश्रम, फिर रामानंद आश्रम, दुर्गा मंदिर देहरादून रोड, भूरी माई धर्मशाला, जय राम आश्रम, त्रिवेणी घाट आयोजित भंडारा, फिर आवास विकास पहुंची। इस दौरान उन्होंने आम जन से भी मुलाकात की और पर्व पर बधाई और शुभकामनायें दी।
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December 11, 2024