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उत्तराखंड राज्य के गठन को आज 24 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। पार्वती और दुर्गम क्षेत्र में विकास के दावे धरातल पर दम तोड़ते नजर आते हैं। पहाड़ में पहाड़ सी चुनौती कम होने का नाम नहीं ले रही है। जनपद टिहरी गढ़वाल के नरेंद्र नगर ब्लाक के अंतर्गत पट्टी दोगी के अंतर्गत आने वाले कुछ गांव आज भी सड़क संपर्क की बाट जो रहे हैं। इस पट्टी का एक गांव नौडू ऐसा है जहां सड़क संपर्क मार्ग तक पहुंचाने के लिए 10 किलोमीटर लंबा पहाड़ी दुर्गम रास्ता तय करना पड़ता है।
यहां बीते दिनों एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई। सड़क तक पहुंचाने के लिए गांव की महिलाओं ने डंडी का सहारा लिया। विडंबना देखिए पहाड़ी मार्ग के उबड़-खाबड़ रास्तों से जब महिला को लाया जा रहा था तो उसने रास्ते में ही शिशु को जन्म दे दिया। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ थे। इसलिए ग्रामीण महिला दोनों को लेकर गांव वापस लौट आई।
ग्राम पंचायत नौडू की प्रधान सीमा देवी ने बताया कि गर्भवती की स्थिति देख गांव की अन्य महिलाओं ने उसे डंडी से सड़क तक पहुंचाने का निर्णय लिया, लेकिन छह किमी की दूरी तय करने के बाद पीड़ा अत्याधिक बढ़ने पर उन्हें बीच रास्ते में ही उसका प्रसव कराना पड़ा। अच्छी बात यह रही कि जच्चा-बच्चा पूरी तरह स्वस्थ थे, इसलिए महिलाएं उन्हें लेकर गांव लौट आईं।
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तीन साल पहले सीएम ने की थी सड़क की घोषणा
दोगी पट्टी के नीडू, पुनगुडु, बिल्की पुंगडी, लंबधार सहित कई गांव सडक सुविधा से वंचित हैं। ऐसे में ग्रामीणों को सड़क तक पहुंचने के लिए पांच से 12 किमी की दूरी कच्चे मार्ग से पैदल तय करनी पडती है। बीमारी की स्थिति में तो ग्रामीणेों की जान सांसत में पड़ जाती है।पूर्व उप प्रधान सुरेद्र भंडारी ने बताया
कि वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काटल-नौडू मोटर मार्ग के निर्माण की घोषणा की थी। जिसकी लंबाई पांच किमी है। मार्ग का सर्वे भी हो चुका हैं, लेकिन इसका सभी प्रभावित गांवों को लाभ नहीं मिल सकेगा, इसलिए मार्ग की लंबाई बढाई जानी चाहिए।

 
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