



– दिसंबर वर्ष 2026 में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल पहुंचने की उम्मीद
ऋषिकेश(हरीश तिवारी):
राष्ट्रीय एवं सामरिक महत्व की बहुप्रतीक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की कार्य प्रगति उम्मीद के मुताबिक रही तो दिसंबर वर्ष 2026 में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल पहुंच जाएगी। परियोजना के तहत 38 सुरंग बननी है। जिसमें 28 सुरंग अब तक आर-पार हो गई है, शेष 10 सुरंग मार्च 2025 तक ब्रेक-थ्रू जायेंगी। इस परियोजना के तहत सुरंगों की कुल लंबाई 213 किलोमीटर है।

शुक्रवार को रेल विकास निगम के ऋषिकेश कार्यालय में मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत कुमार यादव ने बहुप्रतीक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की कार्य प्रगति साझा की। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक कुल 125 किमी लंबी ब्राड गेज रेल लाइन में 104 किमी भाग विभिन्न 17 सुरंग के भीतर से होकर गुजरेगा। अब तक 28 सुरंगों को आर-पार किया जा चुका है। मार्च 2025 तक शेष 10 सुरंग को भी आर-पार कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सुरंग की खोदाई से उत्पन्न होने वाले मलबे की अनुमानित मात्र 112 लाख घन मीटर है। जिसमें से 28 लाख घन मीटर मलबे का पुनः उपयोग किया जाएगा। शेष मलबे को 35 स्वीकृत डंपिंग यार्ड में डाला जा रहा है। इन सभी यार्ड को पौधा रोपण के जरिए हरा भरा किया जाएगा।

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213 किमी है सुरंगों की कुल लंबाई
परियोजना की मुख्य सुरंगों के साथ आपात स्थिति के लिए निकास सुरंगों तथा इन दोनों सुरंगों को जोड़ने के लिए क्रॉस पैसेज तथा निकास सुरंगों को नेशनल हाईवे से जोड़ने के लिए एडिट सुरंगों का निर्माण भी किया जा रहा है। रेल परियोजना में सभी तरह की सुरंगों की कुल लंबाई 213 किमी है। अब तक परियोजना के 213 किमी में से 86 प्रतिशत सुरंगों की खोदाई का कार्य पूरा हो चुका है।
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परियोजना के तहत बनेंगे 19 पुल
रेल परियोजना के अंतर्गत चंद्रभागा, शिवपुरी, गूलर और अलकनंदा नदियों पर 19 में से पांच बड़े पुल पूरे हो चुके हैं। जबकि 14 पुलों को इस वर्ष पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
