




– ऋषिकेश के चुनाव तय करेंगे उत्तराखंड की दिशा और दशा
ऋषिकेश,हरीश तिवारी:
उत्तराखंड राज्य प्राप्ति आंदोलन में गढ़वाल के प्रवेश द्वार ऋषिकेश आंदोलन की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा है। इसका एक बड़ा कारण यह भी रहा है कि पर्वतीय गांधी कहे जाने वाले इंद्रमणि बडोनी इसी शहर से ताल्लुक रखते थे। अपनी इसी भूमि से इंद्रमणि बडोनी ने उत्तराखंड आंदोलन को अहिंसात्मक तरीके से धार देने का काम किया है। इसी शहर में कुछ महीने पहले ही भू-कानून एवं मूल निवास समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर विशाल रैली के जरिए मूल निवासियों ने सिस्टम को अपना संदेश पहुंचाने का काम किया था। इस बार नगर निगम के चुनाव में इस मुहिम से जुड़ी तमाम ताकतों ने मेयर का निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले दिनेश चंद्र मास्टर जी की चुनावी मुहिम को ऐसी ऊंचाइयां प्रदान की कि पूरे उत्तराखंड की नजर ऋषिकेश के चुनाव पर गढ़ी रही। भले ही मास्टर जी यह चुनाव हार गए मगर लोगों का दिल जीतने में वह और उनकी टीम सफल रही। लगता है मास्टर जी और उनकी टीम इस मशाल को किसी न किसी रूप में जलाए रखना चाहते हैं।
मंगलवार को ऋषिकेश के विस्थापित क्षेत्र में मास्टर जी के सेवा सौंली कार्यक्रम में भडडू की दाल और भात ने अपना अलग ही रंग जमाने का काम किया। उत्तराखंड के भीतर विभिन्न मंच और संगठनों के छत्रप एक मंच पर जुटे। खराब मौसम के बावजूद यहां पहाड़ के पारंपरिक भोजन भडडू की दाल और भात के बहाने अपार भीड़ एकत्र हुई। भीड़ से गदगद मंच पर उपस्थित नेताओं ने ऐलान कर दिया कि उत्तराखंड आंदोलन की इस भूमि पर हुए नगर निगम के चुनाव आने वाले समय में उत्तराखंड की दशा और दिशा तय करने में निर्णायक साबित होंगे।
सेवा सौंली यानी चुनाव में अपार जन समर्थन देने वालों के लिए आयोजित आभार कार्यक्रम में भडडू की दाल और भात को तैयार करने के लिए गढ़वाल मंडल से सरोलों की टीम यहां पहुंची थी। परंपरागत तरीके से सात्विकता का ध्यान रखते हुए बड़ी संख्या में लोगों को भोजन परोसा गया। बूंदाबांदी के बीच छाता लेकर दाल भात खाने बैठे नागरिकों का संयम यह बताने के लिए काफी था कि दाल भात तो सिर्फ बहाना है अब इस मुहिम को और आगे तक ले जाना है।
उपस्थिति को संबोधित करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश चंद्र मास्टर जी और उनके चुनाव संयोजक सुधीर राय रावत ने कहा कि सीमित संसाधनों और गंगाजल के सहारे हमने जो यह चुनावी मुहिम चलाई वह कई मायनों में कारगर साबित हुई है। जनमानस यह सोचने पर मजबूर हुआ है कि धनबल और बाहुबल को जनबल से परास्त किया जा सकता है। ऋषिकेश समेत उत्तराखंड की पहचान और संस्कृति को बचाने के लिए यह मुहिम जारी रहेगी।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार,पूर्व आईएएस अधिकारी एसएस पांगती,सैन्य अधिकारी पीसी थपलियाल, इंजीनियर अविनाश जोशी,त्रिभुवन चौहान,मोहित डिमरी, पुष्पा रावत, लुसिन टोडरिया सहित तमाम वक्ताओं ने आमजन का आह्वान किया कि ऋषिकेश के चुनाव में जो भी राजनीतिक षड्यंत्र हुए उसे जनता बेनकाब करें। सिस्टम में बैठे लोग हमारी राजनीतिक हिस्सेदारी को किसी न किसी बहाने खत्म कर देना चाहते हैं। नशा मुक्त और समृद्ध उत्तराखंड की परिकल्पना को हम लोग मिलजुल कर साकार करेंगे। इस दौरान पार्षद सुरेंद्र सिंह नेगी, रामकुमार संगर, सचबीर भंडारी राजेश नौटियाल, मदन कोठारी, प्रमिला रावत, नरेंद्र नेगी, सुदेश भट्ट, यशपाल असवाल, हर्ष व्यास, राहुल रावत, कुसुम जोशी, सरोज देवराडी आदि मौजूद रहे।

