संवाददाता, ऋषिकेश:
परमार्थ निकेतन में 36 वें अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के मुख्य सत्र विज़डम टाॅक में आयुर्वेद के माध्यम से उपचार करने की शक्ति पर एक विशेष ज्ञानवर्धक चर्चा हुई। जिसका नेतृत्व वैद्य डॉ. पद्मा नयनी राजू, डॉ. स्मिता पंकज नारम, मारिया एलेजांद्रा अवचेरियन और योगाचार्य आनंद मेहरोत्रा ने किया।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश द्वारा अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने आयुर्वेद की व्याख्या करते हुये कहा कि आयुर्वेद आयु और वेद का विज्ञान है। आयु का अर्थ है जीवन, वेद का अर्थ है ज्ञान अर्थात् आयुर्वेद का अर्थ है जीवन का विज्ञान। आयुर्वेद सभी जीवित प्राणियों, मानव और सभी के लिये लाभकारी है। उन्होंने आयुर्वेद को तीन मुख्य शाखाओं ‘नर आयुर्वेद जो मानव जीवन से संबंधित है, सत्व आयुर्वेद जो पशु जीवन और उसके रोगों के समाधान से संबंधित है और वृक्ष आयुर्वेद जो पौधे के जीवन, उसके विकास और रोगों के समाधान से संबंधित है पर विशेष उद्बोधन दिया।
साध्वी भवगती सरस्वती ने कहा कि आयुर्वेद न केवल एक चिकित्सा प्रणाली है बल्कि पूर्ण सकारात्मक स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता की प्राप्ति के लिये जीवन का एक तरीका भी है।