



ऋषिकेश (हरीश तिवारी):
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने एम्स ऋषिकेश पर कर्मचारियों की निधि ना जमा करने पर बड़ी कार्रवाई करी। इस कार्रवाई के तहत एम्स ऋषिकेश को 90 लाख 74 हजार 343 रुपए का चालान भरना पड़ा।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून की ओर से इस संबंध में जारी आदेश में बताया गया है कि कर्मचारी भविष्य निधि ने एम्स ऋषिकेश के कर्मचारियों का निधि अगस्त 2015 से अप्रैल 2021 तक ना जमाना करने के कारण 16 जुलाई 2021में कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम 1952 की धारा 7 ए के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए 90,74,343 का चालान किया। क्षेत्रीय कार्यालय के अनुसार एम्स ऋषिकेश द्वारा वर्ष 2024 तक बकाया राशि जमा न करने पर कड़ा रुख अपनाते हुए संस्थान को डिफाल्टर घोषित कर दिया। दरअसल उनका खाता पंजाब नेशनल बैंक की पशुलोक शाखा में था, इसलिए दिनांक 17 जनवरी 2025 में बैंक को बकाया राशि जमा करने को कहा गया। भुगतान होने तक संस्थान के खाते से लेनदारी पर रोक लगाने को कहा गया। एम्स ऋषिकेश द्वारा फरवरी माह में भविष्य निधि का बकाया राशि जमा किया गया।
एम्स ऋषिकेश कर्मचारियों का एम्स ऋषिकेश प्रबंधन पर आरोप था कि एम्स ऋषिकेश ग्रेच्यूटी का भुगतान नहीं कर रहा है। जबकि 5 वर्ष पूर्ण करने पर ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के तहत ग्रेच्युटी नियम अनिवार्य है। कर्मचारियों ने 5 वर्ष से अधिक समय तक कार्य किया फिर भी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
आउटसोर्सिंग कम्पनी प्रिंसिपल सिक्योरिटी जिसका कार्यकाल खत्म हो गया, वह मामला एम्स ऋषिकेश पर डाल रही है और एम्स प्रबंधन कंपनी पर। जिसका खामियाजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है । इसी तरह एम्स के संविदा कर्मचारियों के साथ भी यही व्यवहार किया जा रहा है, उनका भी ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया गया। कर्मचारियों द्वारा श्रम आयुक्त पर शिकायत दर्ज की गई है। जिस पर कार्यवाही चल रही है।


