



ऋषिकेश:
अखिल भारतीय आयुर्विजान संस्थान (एम्स) एक बार फिर से सीबीआई के रडार पर है। सीबीआई ने एक बार फिर से दस्तक दी है। दो दिन तक सीबीआई की टीम यहां रही। एम्स प्रशासन इसे 2017-18 में हुई जांच का ही हिस्सा बता रहा है। लेकिन जिस हिसाब से सीबीआई की टीम ने यहां जांच पड़ताल की है उससे यही लगता है कि सीबीआई को कुछ खास दस्तावेजों की तलाश है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2018 से जुड़े मामलों में सीबीआई पहले से जांच कर रही है। इन्हीं जांच के दायरे में शामिल एक मशीन कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में भी लगी है। जानकारी के अनुसार टीम यहां से कुछ दस्तावेज अपने साथ ले गई है। उधर ब्लड बैंक परिसर में भी तीन दिन पूर्व कुछ सामान में आग लगी थी। जिसे एम्स प्रशासन की ओर से कचरे की आग बताया गया। यहां जाकर भी सीबीआई की टीम ने पूछताछ की।
बता दे कि सीबीआई की टीम ने घोटाले की शिकायत पर तीन फरवरी 2022 को एम्स ऋषिकेश में छापा मारा था। यह कार्रवाई सात फरवरी 2022 तक चली। इसके बाद टीम 22 अप्रैल 2022 को फिर से एम्स पहंची और कई दस्तावेज खंगालने के बाद स्वीपिंग मशीन खरीद और मेडिकल स्टोर आवंटन में 4.41 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा किया। तब सीबीआई ने एम्स के पांच अधिकारियों समेत नौ लोगों पर मुकदमे दर्ज किए थे।
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सीबीआई की टीम 2017-2018 के मामलों की जांच के लिए एम्स पहुंची। यह जांच पुराने खरीद मामलों को लेकर है। एम्स पूर्व में हुए इन मामलों की मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेज चुका है। जहां तक आग लगने की बात है तो ब्लड बैंक परिसर में कुछ कचरा जरूर जला था।
संदीप कुमार सिंह वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी एम्स
