



– पायलट की सूझबूझ से हादसा टला, करनी पड़ी इमरजेंसी लैंडिंग
ब्यूरो,ऋषिकेश
अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान,एम्स ऋषिकेश से शनिवार को केदारनाथ धाम में एक मरीज को रेस्क्यू करने गया एक हेलीकॉप्टर को अचानक धाम में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। सफल आपातकाल लैंडिंग के चलते पायलट सहित मेडिकल की टीम सुरक्षित है। पूरे मामले की तकनीकी जांच डीजीसीए द्वारा की जाएगी।
जिला पर्यटन अधिकारी एवं नोडल हेली सेवा राहुल चौबे ने बताया कि श्री केदारनाथ धाम में दर्शन को पहुंची एक महिला श्रद्धालु सांस लेने में अधिक समस्या होने लगी। तबियत ज्यादा बिगड़ती देख राज्य सरकार की हेली एंबुलेंस सेवा संजीवनी की मदद ली गई। हेली में एम्स से मेडिकल टीम भी साथ केदारनाथ पहुंच रही थी, जिसमें एक डॉक्टर एवं एक नर्सिंग स्टाफ भी शामिल था। केदारनाथ के मुख्य हेलीपैड पर लैंडिंग से पहले ही हेली में कुछ तकनीकि खराबी आ गई। जिसे समय पर भांपते हुए पायलट ने हेलीपैड से ठीक पहले समतल स्थान पर लैंडिंग करना उचित समझा। पायलट की सूझबूझ से सफल आपातकाल लैंडिंग हो सकी। हालांकि हेली का टेल रोटर टूट गया है। इस पूरे मामले की तकनीकि जांच डीजीसीए द्वारा की जाएगी जिसके उपरांत तकनीकि खामी की सही जानकारी मिल सकेगी।
एम्स,ऋषिकेश अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉ. बी. सत्याश्री एवं हेली एंबुलेंस सर्विस के नोडल ऑफिसर डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि 17 मई को पूर्वाह्न 11.05 बजे एम्स ऋषिकेश द्वारा संचालित संजीवनी हेली एंबुलेंस सर्विस का विमान, जो कि पिनेकल एविएसंस के द्वारा प्रोवाइड किया जाता है और सर्विस दी जाती है, शनिवार को एम्स से श्रीकेदारनाथ धाम के लिए रवाना हुआ। श्रीकेदारनाथ धाम में एक 53 वर्षीय महिला, जो कि सांस की गंभीर तकलीफ से परेशान थे। उन्हें लेने के लिए हेलीकाप्टर जिसकी टीम में एक पायलट सहित एक इमरजेंसी मेडिसिन के चिकित्सक व एक नर्सिंग ऑफिसर थे, वहां पहुंचा।
11.50 बजे के आसपास यह हेलीकाप्टर लैंडिंग से पहले टचडाउन कर गया। संतोष देने वाली बात यह है कि इसमें शामिल तीनों व्यक्ति पायलट, इमरजेंसी मेडिसिन के डॉक्टर व हमारे नर्सिंग ऑफिसर पूर्णत:रूप से स्वस्थ्य हैं और उन्हें किसी प्रकार की कोई खरोच भी नहीं आई है। गौरतलब है कि बीते साल 29 अक्टूबर-2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई यह योजना पहाड़ी दुर्गम क्षेत्रों के लिए जीवनदायिनी रही है। जिससे आपात स्थितियों में कई मरीजों की जानें बचाने में इस सर्विस का अहम योगदान रहा है। खासकर ऐसे मरीज जिन्हें उचित समय पर अस्पताल पहुंचाने से जनहानि होने से रोका जा सकता है, जिनमें एक्सीडेंट पेशेंट, इमरजेंसी प्रसूति सुविधा, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, गंभीर स्वशन रोग आदि के समय संजीवनी हेली एंबुलेंस सर्विस जीवनदायिनी सिद्ध हुई है।


