
– सीमा डेंटल कॉलेज ने किया डेंटल चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित
ब्यूरो,ऋषिकेश
सीमा डेन्टल कॉलेज एवं हास्पिटल, ऋषिकेश ने डेंटल चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए पहली बार जेगोमैटिक डेंटल इम्प्लांट सफलतापूर्वक किया है। यह उपलब्धि संस्थान की उच्च सतरीय क्लीनिकल दक्षता और अत्याधुनिक तकनीक को दर्शती है।
संस्थान के चेयरमैन डा. अमित गुप्ता ने बताया की इस जेगोमैटिक इम्प्लांट का सीधा प्रसारण संस्थान में अध्यनरत पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों एवं इन्टर्नस के लिये किया गया ताकि उनको भी इस प्रकार की नयी-नयी
तकनीकों का ज्ञान हो सके। हमारे संस्थान का उदेश्य छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ नवीनतम तकनीकों का ज्ञान कराना एवं दन्त रोगियों को बेहतरीन चिकित्सा प्रदान करना है। हमारा संस्थान उन उच्च डेंटल शिक्षण संस्थानों में शामिल हो गया है, जहॉ जेगोमैटिक इम्प्लांट की जटिल प्रकिया सफलतापर्वक की गयी है।
यह जटिल प्रक्रिया कॉलेज के ओरल एवं मैक्सिलोफेसियल सर्जरी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डा. अमित अग्रवाल, पैरियोडोन्टोलोजी विभागाघ्यक्ष प्रोफेसर डा. शालिनी गुप्ता, प्रोस्थोडोन्टिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डा.
वरूण कुमार, प्रोफेसर डा. आर मुथुनागई, प्रोफेसर डा. मुदित अग्रवाल एवं डा. गीता आर्य, रीडर के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक सम्पन्न की गयी।
संस्थान के प्रधानाचार्य डा. पी नारायण प्रसाद ने कहा कि जेगोमैटिक इम्प्लांट उन लोगों के लिये वरदान है, जिनके ऊपरी जबड़े में हड्डी की कमी होती है। इस तकनीक से बिना बोन ग्राफ्ट के इम्प्लांट संभव हो पाता है, जिससे उपचार की अवधि कम हो जाती है और परिणाम भी बेहतर मिलते हैं। यह तकनीक ऐसे लोगों के लिये एक उम्मीद है जिनके लिये सामान्य इम्प्लांट संभव नहीं होती।