-स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में यूकेयूएससीओएन-2024 आयोजित
ब्यूरो,ऋषिकेश
हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एचआईएमएस) जौलीग्रांट के यूरोलॉजी विभाग की ओर से उत्तराखंड यूरोलॉजिकल सोसाइटी की दूसरी वार्षिक कान्फ्रेंस यूकेयूएससीओएन-2024 का आयोजन किया गया। दो दिवसीय कान्फ्रेंस में देशभर के सौ से अधिक यूरोलॉजिस्ट शामिल हुए। इस दौरान यूरोलॉजी कैंसर के उपचार की उभरती तकनीक पर मंथन किया गया।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के आदिकैलाश सभागार में यूकेयूएससीओएन-2024 कान्फ्रेंस का शुभारंभ संस्थापक डॉ. स्वामी राम के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर किया गया। मुख्य अतिथि एसआरएचयू के कुलपति डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने कहा कि यूरोलॉजी का क्षेत्र बहुत ही विस्तृत है। इसमे आये दिन में नये अविष्कार हो रहे हैै। हर साल उपचार की तकनीक में बदलाव भी हो रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि सभी यूरोलॉजिस्ट मिलकर उपचार की कीमत को कम कैसे करे इस पर मंथन करे। जिससे आम आदमी को किफायती व गुणवत्तापरक चिकित्सा का लाभ मिल सके। उन्होने कहा कि सर्जरी के अलावा हमें प्रिवेंटिव पक्ष पर भी काम करना चाहिए।
यूरोलॉजिकल सोसाईटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. ललित शाह ने कहा कि उत्तराखंड में यूरोलॉजिस्ट बहुत अच्छा काम कर रहे है। लेकिन कई बार रोगी को चिकित्सक तक पहुंचने में देर हो जाती है। उन्होंने लोगों में यूरोलॉजिकल रोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के विभिन्न प्रचार माध्यम का इस्तेमाल करने की बात कही। उत्त्तराखंड यूरोलॉजिकल सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. संजय गोयल ने कहा कि एक समय उत्तराखंड में एक यूरोलॉजिस्ट होता था। आज उत्तराखंड में 50 के करीब विशेषज्ञ यूरोलॉजिस्ट अपनी सेवाएं दे रहे है। लोगों को ईलाज के लिए अब दूसरे शहर नहीं जाना पड़ता है।
कान्फ्रेंस के आयोजक अध्यक्ष डॉ. किम जे मामिन ने उपस्थित सभी डेलीगेट्स का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि कान्फ्रेंस में देश के 100 से अधिक विशेषज्ञ शामिल हुए है। दो दिवसीय कान्फ्रेंस में 200 के करीब वैज्ञानिक शोध पत्र पढ़े जायेंगे। डॉ. वैभवी धस्माना के संचालन में चले कार्यक्रम में महानिदेशक (शैक्षणिक विकास) डॉ. विजेन्द्र चौहान, निदेशक अस्पताल सेवाएं डॉ. हेमचंद्र पाण्डेय, प्रिंसिपल एचआईएमएस डॉ. अशोक कुमार देवरारी, निदेशक चिकित्सा सेवाएं डॉ. मुश्ताक अहमद, डॉ. रजीव सरपाल, डॉ. शिखर अग्रवाल, डॉ. अश्वनी कंडारी, डॉ. अमन कुमार, डॉ. सुवित जुवड़े, डॉ. कुमार पंकज उपस्थित रहे।
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