




ब्यूरो,ऋषिकेश
समाज में नेत्रदान को लेकर समाज के बीच भ्रम की स्थिति या धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है। लोग नेत्रदान के महत्व को समझने लगे हैं। ऋषिकेश निवासी ममता आहूजा अंतिम यात्रा पर जाते-जाते दो लोगों की जिंदगी रोशन कर गई।
ऋषिकेश के जीवनी में मार्ग निवासी भगवान दास आहूजा की धर्मपत्नी ममता आहूजा पिछले लंबे समय से अस्वस्थ थी। बीते रविवार को एम्स ऋषिकेश में उनका निधन हो गया। इस परिवार के करीबी नरेश अरोड़ा से परिजनों ने उनके नेत्रदान की इच्छा जताई। सहमति मिलने के बाद एम्स हॉस्पिटल के नेत्रदान विभाग से संपर्क किया गया। इसके बाद ममता आहूजा के पार्थिव शरीर से कॉर्निया सुरक्षित निकाले गए। एम्स ऋषिकेश नेत्र विभाग द्वारा दो लोगों के जीवन से इन कॉर्निया की मदद से अंधेरा दूर किया जाएगा।
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चंद्रकला की आंखें भी अनवरत देखेंगी दुनिया
ऋषिकेश के ही 20 बीघा निवासी श्रीमती चंद्रकला का निधन हो गया था। उनके दामाद कोटद्वार निवासी कविंद्र सिरोड़ी ने नेत्रदान के लिए कार्यकर्ता रोहित बत्रा से संपर्क किया। इसके बाद एम्स ऋषिकेश की टीम के जरिए नेत्रदान संपन्न कराया गया।

