– ऋषिकेश छात्र संघ पदाधिकारीयों की विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी
संवाददाता, ऋषिकेश:
पंडित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के छात्र-छात्राओं की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। छह वर्ष बीत जाने के बाद भी परीक्षा परिणाम की त्रुटि बरकरार है। इसका दोष छात्रों पर थोपे जाने से छात्र नाराज है। छात्र संघ के पदाधिकारी ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी है।
बीएड कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रेस वार्ता में छात्रसंघ अध्यक्ष हिमांशु जाटव ने बताया कि ऋषिकेश कॉलेज की विश्वविद्यालय परिसर बने लगभग छह वर्ष पूरे होने वाले है और अभी तक विश्वविद्यालय द्वारा अपनी परीक्षा परिणामों में हो रही त्रुटि के लिए कोई सुविधा छात्र छात्राओं के लिए नहीं दी गई है। लगातार छात्रसंघ द्वारा परीक्षा परिणाम को लेकर कई बार कुलपति को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया है। लेकिन अभी तक इस कार्य में कोई सुधार नहीं है और विश्वविद्यालय इस पर सारी गलतियां छात्र छात्राओं के ऊपर लगा रहा है। जबकि ये त्रुटि विश्वविद्यालय के ऑनलाइन पोर्टल व गलत सीख की वजह से हो रही है। हिमांशु ने बताया कि बीते दिन स्नातक पंचम सेमेस्टर के ऑनलाइन परिणाम प्रकाशित विश्वविद्यालय द्वारा किए गए है। उसमे भी कई छात्र छात्राओं को अनुपस्थित तथा कई छात्र छात्राओं के नंबर ही नहीं चढ़ाये गए है। इस तरह की कई सारी गलतियां विश्वविद्यालय द्वारा लगातार दोहराही जा रही है। जिसका समाधान अभी तक नहीं हुआ है।
छात्रसंघ सचिव माधवेन्द्र मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय की त्रुटियों की वजह से छात्र छात्राओं को कई बार टिहरी जाना पड़ता है। जबकि विश्वविद्यालय के यहां बनाने बाद सारी समस्याओं का समाधान विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश में ही होना चाहिए। मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय में जब तक परीक्षा परिणाम की समस्या का समाधान ऋषिकेश परिसर से नहीं होगा तब तक छात्र छात्राओं को यूही इधर उधर भटकना पड़ेगा और लगातार इस तरह की त्रुटियो की सजा छात्र छात्राओं को भुगतनी पड़ेगी।
छात्रसंघ उपाध्यक्ष निहारिका ने बताया कि विश्वविद्यालय ऋषिकेश परिसर में परीक्षा परिणामों को लेकर इतनी गलतिया है कि उसका शिकार मुझे खुद भी होना पड़ा है। बीते दिन बीए पंचम सेमेस्टर के आये ऑनलाइन परिणामों में मेरा भी परिणाम आया और मुझे बहुत हेरानी हुई कि मेरा जियोग्राफी विषय में बहुत ही काम नंबर मुझे मिले है। निहारिका ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर को परीक्षा के विषय में बहुत ज्यादा विचार करना चाहिए ताकि छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना किया जा सके।
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