-परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में सनातन धर्म संसद का आयोजन
हरीश तिवारी,ऋषिकेश
सनातन न्यास फाउंडेशन द्वारा प्रथम सनातन धर्म संसद का आयोजन फरवरी माह में दिल्ली में किया गया था। द्वितीय धर्म संसद का आयोजन रविवार को परमार्थ निकेतन में किया गया। जिसमें मुख्य रूप से श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा में श्रीकृष्ण मन्दिर का निर्माण, भगवान और संतों का अपमान रुकने के लिए कानून बनाने की बात कही गई।
भागवत कथा मर्मज्ञ देवकीनन्दन ठाकुर ने कहा कि 25 फरवरी, 2024 को दिल्ली में धर्म संसद आयोजित की गयी थी, जिसमें पांच विषय रखे गये थे। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा में श्रीकृष्ण मन्दिर का निर्माण कराना। ईश व संत समाज का अपमान किया जाता है उस पर कानून बनाना चाहिये। सनातन के मन्दिर जो सरकार के अधीन है उन मन्दिरों के पैसों से गुरूकुलम् बनाना चाहिये। जनसंख्या नियंत्रण कानून, वेब सीरिज पर विराम लगाना। इन पांच विषयों को सनातन न्यास फाउंडेशन द्वारा संतों के समक्ष रखा गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि श्रीकृष्ण भगवान का भव्य व दिव्य मन्दिर बनना चाहिये तथा जामा मस्जिद आगरा की सीढ़ियों से केशव जी मुक्त होने चाहिये।
योगगुरू स्वामी रामदेव ने कहा कि हमारी आस्था के मूल स्थानों का संरक्षण हमारा कर्तव्य है। हम शान्ति के उपासक है, सनातन के उपासक है। विग्रह व भगवानों के चित्रों की शार्ट फिल्म व सीरियलों का विरोध किया। हमें चितंन करना होगा कि क्यों हमारे ही भगवानों के ऊपर वीडियो बनाकर डाले जाते हैं, इस के प्रति हमें खड़े होना होगा। देवताओं का अनादर व अपमान नहीं होना चाहिये इसके प्रति प्रस्ताव लाकर सरकार को राजधर्म का पालन करना होगा।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि सनातन सुरक्षित है तो हम सुरक्षित हैं और हम सुरक्षित हैं तो सनातन सुरक्षित है। सनातन है तो कथा है, कुम्भ है, संस्कृति है, प्रकृति है, मानवता है, एकता है। सनातन ने हमें एकात्मकता के सूत्र प्रदान किये हैं। हमें आपसी दीवारों को गिराना होगा, दरारों को भरना होगा व दिलों को जोड़ना होगा। हमें व्यक्तिगत स्वार्थ से उपर उठना होगा। जिस दिन हम खड़े हो जायेगे उस दिन पूरा विश्व खड़ा हो जायेगा।
महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द ने कहा कि एक अच्छा शासक वही है, जो सनातन और समाज को सुरक्षित रखे। 2014 के बाद सनातन का पूरे विश्व में विस्तार हो रहा है। उन्होंने अबूधाबी में बने हिन्दू मन्दिर का जिक्र करते हुये कहा कि हम आगरा से केशव देव को मथुरा लेकर आयेंगे। हिन्दुओं को संगठित होने का संदेेश दिया। धर्मान्तरण को रोकने के लिये सभी संतों को अपने-अपने स्तर पर कार्य करना होगा। सनातन धर्म संसद के आज के इन पांच बिन्दुओं का पूरा संत समाज समर्थन करता है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंहत रवीन्द्र पुरी जी ने कहा कि चार लाख चौसठ हजार मन्दिर भारत सरकार के पास है। कुलीन सन्यासियों की संख्या कम हो रही है इसलिये घर में तीन पुत्र होने चाहिये ताकि दो घर में हो एक सन्यासी जीवन के लिये समर्पित हो। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री व महामंडलेश्वर महंत ईश्वरदास महाराज ने कहा कि अयोध्या में भव्य व दिव्य श्रीराम मन्दिर का निर्माण हुआ वैसे ही मथुरा में भी प्रभु श्री कृष्ण भगवान के मन्दिर का निर्माण भी होगा। उन्होंने कहा कि जब भी देश में कभी विपदा आयी तो स्वामी विश्वामित्र की तरह संत ही आगे आते हैं। हमें निज स्वार्थ भाव को छोड़कर देश व समाज के लिये आगे आना होगा।
विरक्त वैष्णव मंडल के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास कहा कि हम सनातन धर्म संसद के साथ सदैव है और आगे भी रहेंगे। हिन्दू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रबोधानन्द, स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरि,स्वामी राजचेतन ने भी धर्म संसद को संबोधित किया।
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