60 वर्षी बुजुर्ग ने गलत मनसा पूरी न होने पर की थी हत्या
ऋषिकेश/इंदौर:
मध्य प्रदेश के इंदौर और ऋषिकेश के योग नगरी रेलवे स्टेशन की बोगी से टुकड़ों में बंटी महिला की लाश के मामले से पर्दा उठ गया है। पुलिस ने इस मामले में एक 60 वर्षीय बुजुर्ग को गिरफ्तार किया है। इस महिला को वह अपनी हवस का शिकार बनना चाहता था। अगले रोज ट्रेन में बैठने का झांसा देकर वह उसे अपने घर ले गया था। महिला को खाने में नींद की गोलियां दी गई। जब तक यह दरिंदा अपने इरादों में कामयाब होता महिला को होश आ गया। आरोपी ने उसके सिर में लोहे के औजार से प्रहार किया। उसके बाद उसका रस्सी से गला घोट कर उसकी हत्याकर दी।दरिंदे ने महिला की लाश के टुकड़े किए और तीन बैग में रखकर अलग-अलग ट्रेन में रख छोड़े।
योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर 10 जून को इंदौर से आई एक ट्रेन की बोगी में जीआरपी ने एक बैग में महिला के शरीर के कुछ अंग बरामद किए थे। इससे दो दिन पूर्व इंदौर शहर के रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ी ट्रेन में 8 जून को महिला का टुकड़ों में शव मिला था। जीआरपी इंदौर ने जीआरपी ऋषिकेश जिला देहरादून से संपर्क करने के बाद महिला के लाश के टुकड़ों की कड़ी को सुलझाने में सफलता हासिल की।
शव के हाथ पर मीरा बेन गोपाल भाई का गुदा हुआ गोदना मिला। जीआरपी ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए जांच में महिला के गुजराती होने की जानकारी मिली, साथ ही पुलिस ने इस नाम की गुमशुदा महिलाओं की डिटेल खंगाली। तलाश में थाना बिलपांक जिला रतलाम की गुमशुदा महिला मीराबाई पति भंवरलाल डामर का हुलिया एवं गुमशुदगी का मिलान होने पर परिजनों से संपर्क किया। मृतक के पास से मिले सामान व हाथ का गुदना बताकर भंवरलाल ने मृतिका को अपनी पत्नी मीरा बाई होना बताया। इसके बाद पुलिस आरोपी की तलाश करते हुए संदेह होने पर कमलेश ( 60 वर्ष) पुत्र रामप्रसाद पटेल निवासी ग्राम पिपरोनिया थाना बाला बेहट जिला ललितपुर (उ.प्र.) के बारे में सूचना मिला। यह 15 सालों से हीरा मील की चाल थाना देवास गेट उज्जैन में रहता है।
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आरोपी की मूक- बधिर पत्नी ने खोला राज
पुलिस ने कमलेश की मूक-बधिर पत्नी से घटना के संबध में जानकारी प्राप्त की। इसके लिए मूक बधिर विशेषज्ञ की सहायता ली गई। जबकि आरोपी द्वारा घटना के संबध में गलत जानकारी दी जा रही थी। लेकिन घटना के साक्ष्यों के आधार पर उसने हत्या करना स्वीकार कर लिया।
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मथुरा की ट्रेन में बिठाने का झांसा देकर ले गया था घर
पुलिस ने बताया कि गुरुवार छह जून को मीरा बेन ने अपने पति और बेटियों से कहा था कि वह उज्जैन और वहां से मथुरा जाएगी। उज्जैन में मथुरा जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रही थी। तभी आरोपी कमलेश ने उसे देख लिया। महिला ने अपनी बात बताई तो कमलेश ने कहा कि मथुरा की ट्रेन निकल चुकी है। तुम मेरे घर चलो वहां खाना खा लेना। इसके बाद दूसरी ट्रेन में बैठा दूंगा।
आरोपी कमलेश ने महिला को बहला फुसलाकर अपने घर ले आया और रातभर अपने घर में रखा। 7 जून की सुबह आरोपी कमलेश ने शारीरिक संबध बनाने के लिए मीरा को नींद की गोली खाने में मिलाकर खिला दी, जिससे वह बेहोशी आने लगी, आरोपी ने मृतिका मीरा के साथ शारीरिक संबध बनाने का प्रयास करने लगा, लेकिन मीरा पूरी तरह बेहोश नहीं हुई थी, इसलिए उसने उसका विरोध कर चिल्लाने लगी। तभी ने कमलेश ने लोहे के टुकड़े से मीरा बेन के चेहरे पर मार दिया। जिससे वह बेहोश हो गई।
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गला घोटकर की हत्या
आरोपी कमलेश ने रस्सी से गला घोटकर मीरा बाई की हत्या कर दी। उसकी लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसने बाजार से एक लोहे का छुरा खरीदा और शरीर काटकर बैग तथा बोरियों में भरकर रखा, ताकि पहचान न हो सके। अलग-अलग तीन पैकिंग की, जिसमें से दो पैकिंग 8 जून को सुबह उज्जैन पर रुकी हुई इंदौर नागदा पैसेंजर ट्रेन में बैग एवं बोरी सीट के नीचे जमाकर रखा तथा बाद में शाम को एक पैकिंग योग नगरी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश जानेवाली इंदौर देहरादून ट्रेन के उसी स्थान पर खड़ी होने पर कोच की कपलिंग में रख कर अपने घर में छिप गया। इस तरह से जीआरपी इंदौर ने महिला की हत्या की 17 दिन बाद पूरी घटना का खुलासा कर दिया।