– माधव सेवा विश्राम सदन का बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक ने किया लोकार्पण
ब्यूरो,ऋषिकेश
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डा.मोहन भागवत ने कहा हिन्दुत्व का भाव संस्कृति,संस्कार, वेशभूषा या किसी भी रूप में हो सकता है। यदि हम इस भाव के साथ एकजुट हो जाए तो राष्ट्र कि प्रगति को कोई नहीं रोक सकता।
भाऊराव देवरस सेवा न्यास की ओर से एम्स से कुछ दूरी पर ही नव निर्मित माधव सेवा विश्राम सदन का लोकार्पण बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डा. मोहन भागवत ने किया। मोहन भागवत ने कहा कि सेवा मानव का परम धर्म है। आज जनसेवा में लोक संपर्क महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन जब लोक संपर्क का अभाव होगा तो जनसेवा का उद्देश्य कैसे प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि आज भारत की विश्व में प्रतिष्ठा बढ़ी है, आज कोई देश भारत पर बुरी नजर रखता है तो उसे घर में घुसकर मारा जाता है। उन्होंने कहा कि यह सेवा सदन सेवा और समर्पण का प्रत्यक्ष उदाहरण है। निश्चित रूप से उत्तराखंड के सुदूर क्षेत्र से आने वाले मरीजों के परिजनों और मैदानी क्षेत्र के लोगों को भी इसका भरपूर लाभ मिलेगा।
भाऊराव देवरस सेवा न्यास के सचिव राहुल सिंह ने इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बताया कि दो वर्ष के भीतर यह विश्राम सदन बनकर तैयार हुआ है। 1.40 लाख स्क्वायर फीट भूमि पर इस प्रोजेक्ट में 30 करोड़ की लागत आई है। जिसमें करीब 150 दानदाताओं ने अपना सहयोग किया है। यहां 120 कमरे हैं, 430 बेड की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
उन्होंने कहा कि इस कार्य के माध्यम से हम निश्चित रूप से समाज सेवा का आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं। इसके भीतर सत्संग भवन, वाचनालय, मनोरंजन कक्ष, बच्चों के लिए खेलने की सुविधा उपलब्ध है। न्यास के अध्यक्ष ओमप्रकाश गोयल ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर संघ के सर सहकार्यवाह डा.कृष्ण गोपाल, अखिल भारतीय सामाजिक सहभाव प्रमुख अशोक बेरी, क्षेत्र सह सम्पर्क प्रमुख डा. हरीश, क्षेत्र प्रचार प्रमुख जगदीश, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, हरिद्वार के सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत, प्रकल्प प्रमुख संजय गर्ग, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, निवर्तमान महापौर अनीता ममगाई, एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह, प्रमुख सचिव आरके सुधांश, उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एनके जोशी उत्तराखंड करो संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश शास्त्री आदि मौजूद थे।