ऋषिकेश, ब्यूरो:
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट में उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला के उपलक्ष्य पर ‘गो ग्रीन कैंपस’अभियान चलाया गया। इस अवसर पर जामुन, आंवला,हरड़, अर्जुन, बेहड़ा सहित विभिन्न प्रजातियों के फलदार वृक्षों सहित फूलों के पौधे रोपे।
मंगलवार को एसआरएचयू प्रांगण में पौधारोपण अभियान चलाया गया। विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ.विजय धस्माना ने अपने संदेश में कहा कि लोकपर्व हरेला प्रकृति पूजन व पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है। यदि पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तो ही मानव जाति का अस्तित्व भी सुरक्षित रहेगा।
अध्यक्ष डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि हरेला पर्व युवा पीढ़ी को भी अपनी जड़ों से जोड़ता है। आज का युवा जिस तरह से पुराने त्योहारों को भूलता चला जा रहा है, ऐसे में हरेला पर्व आज की युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का काम भी कर रहा है। अगर समय-समय पर ऐसे पर्व मनाते जाएं तो युवा भी अपनी संस्कृति व पर्वों के महत्व को समझ पाएंगे।
पौधरोपण अभियान का शुभारंभ कुलपति डॉ.राजेंद्र डोभाल ने किया। उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों से आह्वान किया कि पर्यावरण संरक्षण व स्वच्छता को मूल कर्तव्य समझकर दूसरों को भी इस संबंध में जागरुक करें। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ.मुकेश बिजल्वाण, हिमालयन अस्पताल के निदेशक (स्वास्थ्य सेवा) डॉ.हेमचंद्र पांडे, डॉ.एसएल जेठानी, एचपी उनियाल, डॉ.अनुराधा कुसुम, डॉ.डीसी धस्माना, रुपेश महरोत्रा, प्रिसिंपल डॉ.मोहित वर्मा, डॉ.प्रमोद कुमार, डॉ.गणेश भट्ट आदि मौजूद रहे।
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माधव सेवा विश्राम सदन मनाया गया लोक पर्व
माधव सेवा विश्राम सदन में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के स्वयंसेवको द्वारा उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला के उपलक्ष्य में वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर उनके द्वारा फलदार व छायादार वृक्ष लगाये। वृक्षारोपण में छोटे छोटे बच्चो ने बढचढ़ कर भाग लिया। कार्यक्रम के उपलक्ष में वरिष्ठ प्रचारक विजय जुनेजा ने स्वयंसेवको को हरेला का महत्त्व बताया।
वीरभद्र मंदिर मार्ग पर स्तिथ माधव सेवा विश्राम सदन में हरेला के उपलक्ष्य में वृक्षारोपण किया गया, इस अवसर पर वरिष्ठ प्रचारक विजय जुनेजा जी ने कहा कि मानव शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है, जिन्हें शरीर प्रतिदिन प्रकृति के माध्यम से गृहण करता है। जल एवं पर्यावरण मानव जीवन का अभिन्न अंग है यदि हम प्रकृति एवं पर्यावरण को सुरक्षित रखते हैं तो यह ईश्वर की सबसे अच्छी साधना है। हमारे बड़ों ने जो पर्यावरण की अलख जगे थी उसका उद्देश्य यह है कि हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित रख सके। वास्तव में यह पर्व एक मार्गदर्शन व उत्प्रेरक का दिवस है जिससे हमे यह प्रेरणा मिलती है कि सदैव पर्यावरण की चिंता करनी चाहिए, पंचभूत ही भगवान का पर्यायवाची हैं।
इस अवसर पर संस्था के सचिव संदीप मल्होत्रा, डॉ डी के श्रीवास्तव, संतोष शर्मा, सहायक नर्सिंग अधीक्षक उमेश शर्मा, वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी सुनील शर्मा, मीनाक्षी बिष्ट, नवल किशोर डिमरी, हिमानी राजपूत, विकास सिंह, अनुराग शाह, संजीव बलूनी, जितेन्द्र शर्मा, पंकज असवाल कल्पना थलवाल, सुषमा रावत, मीनाक्षी शर्मा, खुशबु , नमिता, सोनी भट्ट, कल्पना देवरानी, अरुषी बिजल्वान, मोहित सिंह सागर , उपासना व नन्हे बालक आधवन नेगी, धुर्विक शर्मा आदि लोग उपस्थित रहे।