– 1.58 करोड़ रूपया बकाया न भरने पर काटी बिजली, बिल देने को तैयार थे आईडीपीएल वासी
संवाददाता, ऋषिकेश:
आईडीपीएल मैनेजमेंट की ओर से उत्तराखंड ऊर्जा निगम को 1.58 करोड रुपए का भुगतान नहीं किया गया है ऊर्जा निगम की ओर से गुरुवार के रोज आईडीपीएल की बिजली काट दी गई के साथ ही यहां रह रहे 677 परिवारों के घर में अंधेरा छा गया। बिजली कटने से पेयजल आपूर्ति भी पूरी तरह से ठप हो गई है। आईडीपीएल डिपेंडेंट वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष वायु राज सिंह ने ऊर्जा निगम के इस रवैया को न्यायालय की अवमानना बताया है। इस संबंध में स्थानीय लोग महा प्रबंधक आईडीपीएल से संपर्क कर रहे हैं।
आईडीपीएल की लीज समाप्त हो जाने के बाद वन विभाग समूचे आईडीपीएल परिसर को खाली कर रहा है। यहां रह रहे 677 परिवारों ने उच्च न्यायालय नैनीताल में याचिका दायर की थी। संस्थान की ओर से अभी इन कर्मचारियों के परिवारों को बकाया भुगतान किया जाना है। ऊर्जा निगम की ओर से बीते वर्ष सितंबर माह में परिसर की बिजली काट दी गई थी। न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद उप जिलाधिकारी ऋषिकेश की देखरेख में विभाग की ओर से यहां पेयजल और विद्युत आपूर्ति बहाल की गई थी।
आईडीपीएल डिपेंडेंट वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष वायु राज सिंह ने बताया कि याचिका कर्ताओं की ओर से न्यायालय के समक्ष यह प्रस्ताव दिया गया था कि 677 परिवार की ओर से प्रति परिवार दो हजार रुपया विद्युत उपभोग के बदले जमा करने पर सभी सहमत हैं। उन्होंने बताया कि न्यायालय के भीतर ऊर्जा निगम के अधिवक्ता की ओर से इस पर कुछ भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया, मामला अभी विचाराधीन है। इसके बावजूद बिजली काट दी गई है। उन्होंने बताया कि हम सभी संस्थान के महाप्रबंधक संजय कुमार से संपर्क कर विद्युत बहाली की मांग कर रहे हैं।
उधर ऊर्जा निगम ऋषिकेश डिवीजन के अधिशासी अभियंता शक्ति प्रसाद ने बताया कि आईडीपीएल मैनेजमेंट के ऊपर 55.68 करोड़ रूपया पुराना बकाया है। जबकि 1. 58 करोड़ रूपया तत्कालीन बकाया है मैनेजमेंट को नोटिस भी जारी किया गया था। मगर कोई जवाब नहीं दिया गया जिस पर बिजली काटी गई है।