ब्यूरो,ऋषिकेश:
तीर्थनगरी ऋषिकेश में एक पूर्व बैंक कर्मी साइबर ठगी का शिकार हुआ है। शातिर साइबर अपराधियों ने उनके जीवन भर की मेहनत से कमाए 52.50 लाख रुपए पर सेंध लगा दी। पीड़ित ने मामले में साइबर सेल और पुलिस की अपराध शाखा से अभियोग दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
ऋषिकेश प्रेस क्लब में पत्रकार से मुखातिब हुए ऑनलाइन ठगी का शिकार पूर्व बैंक कर्मी योगेश चंद्र श्रीवास्तव निवासी रेलवे रोड ऋषिकेश ने बताया 13 सितंबर 2024 को सुबह 09 बजे मेरे मोबाईल नंबर पर एक अन्य नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई। व्हाट्सएप कॉल रिसीव करने पर कहा कि हम तिलक नगर शाखा अपराध पुलिस से बोल रहे हैं। आपके आधार कार्ड के द्वारा केनरा बैंक शाखा मुम्बई में खाता खोला गया है और उसमें 17 लोगो ने आपके खिलाफ शिकायत की है, जिसके आधार पर आप के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है और जांच हमारे पास है। आप दो दिन के भीतर तिलक नगर मुम्बई पुलिस में रिपोर्ट करें।
उन्होंने एफआईआर मेरे मोबाईल नम्बर पर भेज दी, उसके पश्चात् बताई हुई एकाउन्ट की डीटेल मेरे व्हाट्सएप में भेज दी और मुझसे व्हाट्सएप वीडियो कॉल कर बातचीत की गयीं, औेर अपने झांसे में लेकर कहा कि 54 लाख रुपये एक अकाउन्ट नंबर शाखा संभल, मुरादाबाद स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया में सेंड करिए। आपके रुपये अकाउन्ट से मिलान करने के बाद अगर सही पाया गया तो रकम को आपके अकाउन्ट में वापस भेज दिया जायेगा।
पूर्व बैंक कर्मी ने ऑनलाइन ठगो के झांसे में आकर अपने बैंक अकाउन्ट यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया शाखा ऋषिकेश से 52,50,000 रुपए आरटीजीएस के द्वारा उपरोक्त अकाउन्ट में ट्रांसफर कर दिये।
घर आने पर मैंने अपना मोबाईल में व्हटसप मैसेज को चैक किया तो उसमें से कुछ मैसेज डिलीट कर दिये गये थे। शंका होने पर बाकी बचे हुये मैसेज को सेव कर लिया। उसके बाद उनके द्वारा कोई संपर्क नहीं करने से ठगी का शिकार होने अहसास हुआ।
पूर्व बैंक कर्मी ने बताया कि ठगों द्वारा ऑनलाइन हड़पी गई रकम 52,50,000 रुपए लखनऊ की प्रॉपर्टी बेचकर मिली थी।
पत्रकार वार्ता के दौरान बार एसोसिएशन ऋषिकेश के महासचिव कपिल शर्मा ने बताया कि साइबर सेल देहरादून में पीड़ित की ओर से मामला दर्ज कर दिया गया है। पुलिस ने मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।