

ब्यूरो,ऋषिकेश:
उत्तराखंड क्रांति दल भू-कानून और मूल निवास के मुद्दे पर 24 अक्टूबर को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करते हुए तांडव रेली निकलेगी।
ऋषिकेश क्लब में पत्रकारों से बातचीत में उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष व संरक्षक त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि 15 अगस्त 1996 को तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने लाल किले की प्राचीर से उत्तराखंड राज्य की घोषणा की थी। लेकिन भाजपा की सरकार ने मुलायम सिंह सरकार द्वारा पारित विधायक को चार साल तक विलंब कर राज्य अवधारणा के विपरीत 29 संशोधन कर दिए। उसके बाद राजधानी विहीन और कर्जे में डूबा खोखला राज्य हमें दे दिया। हमारा मूल निवास हमसे छीन लिया गया। अन्य हिमालयी राज्यों की तरह यहां अनुच्छेद 371 का प्रावधान नहीं किया गया। आज भी उत्तराखंड की कई परिसंपत्तियों उत्तर प्रदेश के कब्जे में है। 24 वर्षों तक भाजपा और कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद यह परिसंपत्तियों हमें नहीं मिल पाई है। दल के संरक्षण पंवार ने कहा कि देश के संविधान के अनुसार उत्तराखंड में भी मूल निवास की प्रक्रिया बहाल होनी चाहिए। जिसका आधार वर्ष 1950 होना चाहिए। अब तक जारी स्थाई निवास प्रमाण पत्रों की समीक्षा होनी चाहिए। उत्तराखंड राज्य की परिधि में निवास करने वाले सभी नागरिकों पर यह व्यवस्था लागू हो।
उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्यों की भांति उत्तराखंड में भी अनुच्छेद 371 की विशेष व्यवस्था के अंतर्गत सख्त भू-कानून लागू हो, राज्य विधानसभा में पारित विधेयक व जन भावनाओं के अनुरूप गैरसेंण में राजधानी के संबंध शेष कार्य तेज गति से पूरे हो। गैरसेंण को राज्य की स्थाई राजधानी घोषित किया जाए। राज्य के सभी कार्य वहीं से संचालित हो।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को लेकर राज्य विधेयक में किए गए सभी 29 संशोधनों को निरस्त किया जाना चाहिए। इन सब मुद्दों को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल 24 अक्टूबर को मुख्यमंत्री आवास घेरने जा रहा है। इस मौके पर केंद्रपाल तोपवाल, सौरभ, शशि बंगवाल, शकुंतला कलूड़ा, करण सिंह बर्तवाल,युद्धवीर सिंह चौहान, बबीता, सनी भट्ट, मुकेश पाठक,जितार सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे।