

– त्रिवेणी घाट पर धूं-धूंकर जला दशानन, मेघनाद और कुंभकरण का पुतला
ब्यूरो,ऋषिकेश:
त्रिवेणी घाट पर सुभाष क्लब दशहरा कमेटी की ओर से दशहरा मेले का आयोजन किया गया। त्रिवेणी परिसर पर स्थित रामानंद घाट पर खड़े किए गए 60 फीट ऊंचे रावण और 50-50 फीट के मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों को श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमान के पात्रों ने दहन किया। यहां मौजूद हजारों लोग सत्य पर सत्य की जीत के साक्षी बने।

शनिवार देर शाम क्लब की ओर से त्रिवेणी घाट परिसर में आयोजित दशहरा मेले का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर वर्ष 1955 से स्थापित पौराणिक सुभाष बनखंडी श्री रामलीला कमेटी ने कुंभकरण, मेघनाथ और रावण वध की लीला का मंचन किया। राम, लक्ष्मण, हनुमान, सुग्रीव, अंगद, नल-नील, जामवंत, विभीषण सहित समस्त वानर सेना की वेशभूषा में कलाकारों ने रावण, कुंभकरण और मेघनाद सहित राक्षसों की वेशभूषा पहने कलाकारों के साथ युद्ध का मंचन किया। काफी देर तक चले भीषण युद्ध के बाद कुंभकरण, मेघनाद और रावण का वध किया गया। इसी क्रम में तीनों के पुतले का भी दाह संस्कार किया गया।
इस दौरान हजारों की संख्या में लोग पुतला दहन देखने पहुंचे। पुतला दहन होते ही पूरा घाट जय श्री राम के जयकारों से गूंज उठा। पुतला दहन के बाद श्रीराम लक्ष्मण और हनुमान को अशोक वाटिका में सीता को लेकर आने को भेजते है। लक्ष्मण और हनुमान अशोक वाटिका पहुंचकर माता सीता को लेकर आते है। इसके बाद सभी अयोध्या की ओर प्रस्थान करते है।
इससे पूर्व शाम पांच बजे से ही त्रिवेणी घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उपस्थित रही। लोग अपने-अपने बच्चों के लिए धनुष-बाण, गदा, तलवार आदि शस्त्रों के खिलौने भी खरीदते नजर आए। क्षेत्र की सड़कें पूरी तरह से पैक रहीं। पुलिस की ओर से दशहरे के लिए रूट डायवर्ट किया गया था। इस कारण दूर-दराज से आने वाले लोगों को खासी परेशानी भी हुई। गंगा का जल स्तर तेज होने केे कारण मौके पर जल पुलिस के जवान और दो राफ्टें भी तैनात रहीं।