– मानसून में बाढ़ के दौरान मलवा उठाने को दिया गया था टेंडर,अनियमित का लगा आरोप
ऋषिकेश(हरीश तिवारी):
मानसून के दौरान गंगा का जलस्तर बढ़ जाता है। जिस कारण पानी पक्के घाट तक पहुंच जाता है। जिसमें आने वाला सिल्ट श्रद्धालुओं के लिए परेशानी बनता रहा है। तहसील प्रशासन की ओर से बीते वर्ष इस सिल्ट को उठाने के लिए टेंडर जारी किए गए थे। स्थानीय नागरिक की ओर से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) में शिकायत करते हुए आरोप लगाया गया कि टेंडर की आड़ में यहां अवैध खनन हुआ है। एनजीटी के आदेश पर संयुक्त टीम का गठन किया गया। जिसमें शामिल जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की।
बरसात के दौरान त्रिवेणी घाट पर आए सिल्ट को उठाने के लिए हुए टेंडर में नियमों की अनदेखी और अवैध खनन की एनजीटी में हुई शिकायत की जांच तेजी से शुरू हो गई है। स्थानीय नागरिक रामकृपाल गौतम की ओर से इस मामले में एनजीटी को शिकायत की गई थी। एनजीटी के आदेश पर डीएम देहरादून सविन बंसल ने त्रिवेणी घाट और चंद्रभागा नदी में अधीनस्थ अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। इस दौरान तमाम सवालों के जवाब और जांच से संबंधित पहलुओं पर डीएम ने गौर किया। नियमों की अनदेखी और अवैध खनन को लेकर डीएम ने एसडीएम और अन्य अधिकारियों को साक्ष्य जुटाने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी बंसल ने त्रिवेणी घाट और चंद्रभागा के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरो की फुटेज को भी देखकर कब्जे में लेने के लिए कहा। इसके अलावा एसडीएम को समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशित करके अवैध खनन से संबंधित फोटो वीडियो जनता के सहयोग से प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने शिकायतकर्ता से भी संपर्क कर सबूत की जांच कर एविडेंस के तौर पर फाइल में लगाने के लिए कहा। डीएम सविन बंसल ने बताया कि टेंडर के नियमों के अनदेखी और अवैध खनन के मामले में एनजीटी को जो शिकायत हुई है। उस पर जांच शुरू की गई है। जांच करने के बाद रिपोर्ट एनजीटी कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी। निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी, उप जिलाधिकारी स्मृता पंवार, सहायक नगर आयुक्त आरएस रावत, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र सिंह खोलिया आदि मौजूद रहे।