



– उत्तराखंड के गांधी इंद्रमणि बडोनी के सानिध्य में पंवार ने दी थी आंदोलन को धार
हरीश तिवारी,ऋषिकेश:
उत्तराखंड के गांधी के नाम से विख्यात सर्वमान्य नेता स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी का हाथ पकड़ कर राज्य प्राप्ति आंदोलन को धार देने वाले नेताओं में त्रिवेंद्र सिंह पंवार का नाम शामिल था। 23 अप्रेल 1987 में यूकेडी नेता त्रिवेंद्र पंवार उत्तराखंड के पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने संसद के भीतर पत्र बम फेंक कर पूरे देश में राज्य प्राप्ति की मांग को घर-घर तक पहुंचाने का काम किया था। उन्हें गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया। 25 अप्रैल 1987 को उनकी रिहाई के आदेश जारी हुए।

राज्य प्राप्ति की मांग को संसद में पहुंचाने के उद्देश्य से उत्तराखंड क्रांति दल के संरक्षक रहे स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी ने वर्ष 1989 में टिहरी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। त्रिवेंद्र पवार उनके सारथी बने थे। चुनाव की मतगणना के अंतिम चरणों में पोस्टल बैलट की गिनती के बाद वह काफी कम अंतर से चुनाव हार गए थे। उस वक्त कांग्रेस के पंडित ब्रह्म दत्त चुनाव जीते थे। इंद्रमणि बडोनी का मार्गदर्शन त्रिवेंद्र सिंह पंवार को मिला और उन्होंने आरक्षण विरोधी आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई और वह फिर से उत्तराखंड राज्य प्राप्ति आंदोलन की राह पर चल दिए।
पूर्व अध्यक्ष एवं संरक्षक त्रिवेंद्र सिंह पंवार राज्य में स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी के सानिध्य में सक्रिय भूमिका निभाई। उनके संघर्ष के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगोडा ने वार्ता के लिए बुलाया और और लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री देवगोडा ने उत्तराखंड राज्य बनाने की घोषणा की।
केंद्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश उपाध्याय जी ने कहा दल नेता त्रिवेंद्र पंवार ने राज्य आंदोलन में वह दिल्ली में यमुना नदी में गिर गए और गंभीर रूप से घायल हुए उनकी टांग में गंभीर चोटें आई। 1995 में प्रथम बार उत्तराखंड क्रांति दल के अध्यक्ष चुने गए। पुनः त्रिवेंद्र पवार 2011 में उत्तराखंड क्रांति दल के अध्यक्ष चुने लिए गए।
उन्होंने कहा पंवार हिमालय पुत्र थे तथा राज्य के हित में उन्होंने हजारों हजार आंदोलन किया और कई बार जेल गए। राज्य मूल निवासियों के हित में सरकारों से लड़ना उन्होंने अपना कर्तव्य समझा। वह कर्तव्य निष्ठा के कारण कभी भी सरकारों की आगे नहीं झुके। केंद्रीय मीडिया प्रभारी
उत्तराखंड क्रांति दल किरन रावत ने कहा कि ऐसे क्रांतिकारी नेता विरलेही धरती में जन्म लेते हैं। हमने उत्तराखंड का एक सच्चा सिपाही और निर्भीक नेता खो दिया है।
