


– सीमा डेंटल कॉलेज एवं हास्पिटल में 10 वें इंडो-पैसिफिक एकेडमी ऑफ ओडोन्टोलोजी का तीन दिवसीय प्री-कांन्फ्रेंस का शुभारम्भ
ब्यूरो,ऋषिकेश:
सीमा डेंटल कॉलेज एण्ड हास्पिटल में इंडो-पैसिफिक एकेडमी ऑफ ओडोन्टोलोजी के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय इंटरनेशनल कान्फ्रेंस का शुभारम्भ हुआ।
प्री-कान्फ्रेंस के चेयरमैन एवं संस्थान के उप प्रधानाचार्य डा. अनिल ढिंगरा ने मुख्य अतिथि का परिचय कराते हुये बताया कि इस तीन दिवसीय सम्मेलन में फोरेंसिक ओडोन्टोलोजी विषय पर विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा जिसका एक कोर्स एम्स, ऋषिकेश में भी होगा। इंटरनेशनल कान्फ्रेंस में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जा रहा है। इन प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये अलग-अलग विषयों पर पांच हजार, तीन हजार एवं दो हजार रूपये की एक-एक प्रोत्साहन राशि के साथ-साथ भाग लेने वाले प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र भी दिये जायेंगे।
मुख्य अतिथि डा.वीके बस्तिया, हेड, फॉरेंसिक मेडिसिन एम्स, ऋषिकेश ने फॉरेंसिक ओडोन्टोलोजी विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुये कहा कि इस तकनीक का दन्त चिकित्सा के क्षेत्र में कैसे उपयोग किया जाता है। इस तकनीक से अपराधिक मामलों में कैसे साक्ष्य जुटाना, मृतकों की पहचान, उम्र लिंग का निर्धारण इत्यादि विषयों पर अपने विचार प्रकट किये। उन्होंने बताया कि फॉरेंसिक आर्कियोलॉजि का अपराध स्थल पर जाच में एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह एक विषेश क्षेत्र है जिसमें आर्कियोलॉजिकल तकनीकों और फॉरेंसिक विज्ञान का उपयोग अपराधों की जांच में किया जाता है।
प्री-कांन्फेन्स के पहले सेशन में डा. विलियम आर वेल्चर, यूनिवर्सिटी ऑफ़ नेबरास्का, लिंकोन, यूएसए, डा. गार्गी जेना, नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिर्वसिटी, गुजरात से आये स्पीकरों ने संस्थान में उपस्थित चिकित्सकों एवं छात्र-छात्राओं को
फॉरेंसिक साइंस विषय पर अपने-अपने विचार आदान-प्रदान किये। उन्होंने कहा कि दन्त चिकित्सक एवं दन्त विषय में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं फॉरेंसिक सांइंस में भी अपना कैरियर बना सकते हैं।
