



– पर्वतीय समाज के लिए अमर्यादित भाषा पर चुप्पी, स्वयं के अपमान पर मुखरता उचित नहीं
ब्यूरो,ऋषिकेश:
उत्तराखंड सरकार में पूर्व दायित्वधारी रहे वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भगतराम कोठारी ने कहा कि उत्तराखंड में पैदा होने वाले लोगों के उत्तराखंडी होने पर कोई भी सवाल पैदा नहीं कर रहा है। पहाड़ी समाज को गाली देने पर समाज का जो वर्ग चुप रहता है वह अब स्वयं को अपमानित किए जाने पर क्यों उद्देलित है यह समझ से परे है। कम से कम केवल यहां अपने जन्म लेने के आधार पर स्वयं को उत्तराखंडी कहने वाले लोगों को इस तरह की गाली बाजी की निंदा करनी चाहिए।हम पहले भी भाजपा प्रदेश संगठन और मुख्यमंत्री से मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर चुके हैं।
देहरादून रोड फॉरेस्ट व्यू वेटिंग पॉइंट में मीडिया के साथ बातचीत में भाजपा नेता व पूर्ण दायित्वधारी भगतराम कोठारी ने कहा कि जब मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन के भीतर पर्वतीय समाज को अमर्यादित शब्द कहे तो इसकी सर्वत्र निंदा होनी चाहिए। कम से कम स्वयं को उत्तराखंडी कहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को इसकी निंदा करनी चाहिए। पर्वतीय मूल हो या समाज के दूसरे वर्ग के प्रति अपमानित शब्द कहे जाने को कोई भी उचित नहीं ठहरा सकता, इसकी हम निंदा करते हैं। समाज का एक वर्ग जो स्वयं को अपमानित किए जाने पर आज मुखर है उसे समाज के हर वर्ग को अपमानित होने पर मुखर होना चाहिए था। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र की उपेक्षा से नाराज लोगों ने राज्य प्राप्ति के लिए आंदोलन किया कई लोगों ने अपनी शहादत थी। उसके बाद इस राज्य का निर्माण हुआ। राज्य निर्माण की मूल अवधारणा पर आज भी गंभीर चिंतन करने की जरूरत है। पहाड़ या क्षेत्र में रहने लोगों को गाली देने का अधिकार किसी को भी नहीं है।


